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महाराष्ट्र: 16 साल बाद एक मंच पर दिखे धुर विरोधी नारायण राणे और उद्धव ठाकरे, एक दूसरे पर साधा निशाना

महाराष्ट्र के तटवर्ती जिले सिंधुदुर्ग में बने चिपि हवाई अड्डे का शनिवार को उद्घाटन किया गया और इस कार्यक्रम में एक दूसरे के धुर विरोधी राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे एक साथ मंच साझा करते नजर आए, लेकिन इस मौके पर भी दोनों ने एक दूसरे पर निशाना साधा।

महाराष्ट्र: 16 साल बाद एक मंच पर दिखे धुर विरोधी नारायण राणे और उद्धव ठाकरे, एक दूसरे पर साधा निशाना- India TV Hindi Image Source : MIDC INDIA महाराष्ट्र: 16 साल बाद एक मंच पर दिखे धुर विरोधी नारायण राणे और उद्धव ठाकरे, एक दूसरे पर साधा निशाना

मुंबई: महाराष्ट्र के तटवर्ती जिले सिंधुदुर्ग में बने चिपि हवाई अड्डे का शनिवार को उद्घाटन किया गया और इस कार्यक्रम में एक दूसरे के धुर विरोधी राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे एक साथ मंच साझा करते नजर आए, लेकिन इस मौके पर भी दोनों ने एक दूसरे पर निशाना साधा। उल्लेखनीय है कि यह पहली बार है जब दोनों नेता राणे के 16 साल पहले शिवसेना छोड़ने के बाद एक साथ मंच पर आए हैं। पहले दोनों शिवसेना में साथ थे लेकिन राणे के पार्टी छोड़ने के बाद शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे से उनके रिश्तों में तल्खी आ गई। 

मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर राणे की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि के बीच दोनों नेताओं ने मंच साझा किया। सिंधुदुर्ग से आने वाले राणे ने कार्यक्रम में उन कार्यों की चर्चा की, जिन्हें वर्ष 1990 में पहली बार उनके यहां से विधायक चुने के बाद किया गया है। राणे ने कहा कि शिवसेना संस्थापक (उद्धव ठाकरे के पिता) दिवंगत बाल ठाकरे के निर्देश पर जब उन्हें जिले का प्रभारी बनाया गया तब यहां अच्छी सड़क नहीं थी, पानी और शिक्षा की उचित व्यवस्था इलाके में नहीं थी। 

राणे ने दावा किया कि वर्ष 1995 में शिवसेना-भाजपा की गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी को सिंधुदुर्ग जिले को ‘‘पर्यटन जिला’’घोषित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद सड़क, बिजली, शिक्षा, पानी और स्वास्थ्य सेवा जैसी मूलभूत सुविधाओं पर काम किया गया। मौजूदा अवसंरचना नारायण राणे की वजह से और इसका कोई मुकाबला नहीं कर सकता।’’ राणे ने दावा कर कहा, ‘‘जनता जानती है कि किसने काम किए। उद्धव जी, मैंने सबकुछ साहेब (बाल ठाकरे) से सीखा।’’ 

उन्होंने दावा किया कि आज भी चिपि के पास पानी या बिजली की अवसंरचना उपलब्ध नहीं है और यहां तक हवाई अड्डे के लिए उचित सड़क नहीं है। उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला करते हुए राणे ने कहा कि दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो झूठ से नफरत करते थे और झूठ बोलने वालों की परवाह नहीं करते थे। राणे के तंज पर पलटवार करते हुए ठाकरे ने कहा,‘‘बाला साहेब झूठ पंसद नहीं करते थे। इसलिए कई बार ऐसे लोगों को शिवसेना से बाहर निकाला। बाला साहेब ठाकरे कहते थे कि अगर सच कड़वा भी हो तो उसे कह देना चाहिए।’’

कोंकण क्षेत्र में अवसंरचना विकास के सभी कार्य राणे द्वारा कराए जाने की टिप्पणी का संभवत: संदर्भ देते हुए ठाकरे ने कहा, ‘‘मेरी जानकारी के मुताबिक सिंधुदुर्ग के किले का निर्माण (शिवाजी) महाराज ने किया था और हो सकता है कि कोई कहे कि इसे मैंने बनाया था।’’ ठाकरे ने कहा कि इस तथ्य पर भी मंथन करना चाहिए कि इस हवाई अड्डे को बनने में क्यों इतना समय लगा। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने कहा था कि कोंकण को कैलिफोर्निया में बदल दिया जाएगा लेकिन ऐसा अबतक क्या नहीं हुआ।’’ 

मुख्यमंत्री ने इसके बाद राणे के मंत्रालय को लेकर निशाना साधा। राणे सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आप (राणे) मंत्री हैं। इसलिए अगर यह सूक्ष्म और लघु है तो क्या हुआ, यह अहम मंत्रालय है और आपको इसका इस्तेमाल महाराष्ट्र के लाभ के लिए करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि चिपि में हेलीपोर्ट होना चाहिए जिसका इस्तेमाल पर्यटन के लिए किया जा सकता है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'वह कभी राजनीति को कार्य से नहीं मिलाते और जब राणे ने उनसे सिंधुदुर्ग जिले में चिकित्सा महाविद्यालय के लिए धन आवंटन हेतु संपर्क किया तो तुंरत उनके प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।' बता दें कि राणे ने वर्ष 2005 में शिवसेना छोड़ी थी और इसके लिए वह ठाकरे को जिम्मेदार मानते हैं। राणे लगातार उद्धव ठाकरे को निशाना बनाते रहे हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के कुछ दिन बाद ही राणे को इस साल अगस्त में महाराष्ट्र पुलिस ने मुख्यमंत्री पर कथित विवादित टिप्पणी करने के लिए गिरफ्तार किया था जिन्हें बाद में अदालत ने जमानत दे दी थी। 

वहीं, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इस हवाई अड्डे के बनने से मुंबई की 530 किलोमीटर की दूरी 50 मिनट में पूरी की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में उनकी योजना चिपि से बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और अन्य अहम शहरों के लिए उड़ानें शुरू करने की है। सिंधिया ने कहा कि उनकी योजना अगले पांच साल में चिपि से 20 से 25 उड़ाने शुरू करने की है। उन्होंने कहा कि चिपि के साथ महाराष्ट्र में हवाई अड्डों की संख्या 14 हो गई है। 

महाराष्ट्र के पर्यटन व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि पारिस्थितिकी के संरक्षण के साथ कोंकण में पर्यटन बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। गौरतलब है कि चिपि हवाई अड्डे के नाम से चिर्चित सिंधुदुर्ग हवाई अड्डा 275 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है और हवाई पट्टी की लंबाई 2500 मीटर है। इस हवाई अड्डे से एयरबस ए-320 और बोइंग बी-737 जैसे विमानों का परिचालन किया जा सकता है। 

एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग की क्षमता भीड़ के समय प्रति घंटे 200 प्रस्थान करने वाले यात्रियों और इतने ही आवगमन करने वाले यात्रियों को संभालने की है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार भी मौजूद रहे।

(भाषा)