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Hindi News महाराष्ट्र राणे के समर्थन में उतरे आठवले, कहा- 'CM के अपमान का नहीं था इरादा, बयान पर देंगे स्पष्टीकरण'

राणे के समर्थन में उतरे आठवले, कहा- 'CM के अपमान का नहीं था इरादा, बयान पर देंगे स्पष्टीकरण'

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ केन्द्रीय राज्य मंत्री नारायण राणे के कथित आपत्तिजनक बयान का बचाव करते हुए भाजपा नेता एवं उनके मंत्रिमंडल सहयोगी रामदास आठवले ने मंगलवार को कहा कि मंत्री का इरादा मुख्यमंत्री का अपमान करने का नहीं था और वह अपने बयान पर स्पष्टीकरण देंगे।

राणे के समर्थन में उतरे आठवले, कहा- 'CM के अपमान का नहीं था इरादा, बयान पर देंगे स्पष्टीकरण'- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE राणे के समर्थन में उतरे आठवले, कहा- 'CM के अपमान का नहीं था इरादा, बयान पर देंगे स्पष्टीकरण'

नागपुर: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ केन्द्रीय राज्य मंत्री नारायण राणे के कथित आपत्तिजनक बयान का बचाव करते हुए भाजपा नेता एवं उनके मंत्रिमंडल सहयोगी रामदास आठवले ने मंगलवार को कहा कि मंत्री का इरादा मुख्यमंत्री का अपमान करने का नहीं था और वह अपने बयान पर स्पष्टीकरण देंगे। राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं। इसी संदर्भ में उन्होंने कथित विवादित बयान दिया था।

बयान के खिलाफ शिवसेना कार्यकताओं ने राज्य में कई जगह प्रदर्शन भी किया। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री आठवले ने पत्रकारों से कहा, ‘‘राणे का मतलब केवल इतना था कि ठाकरे महाराष्ट्र के विकास के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं और लोगों की समस्याओं को समझने के लिए वह मुंबई में अपने आवास ‘मातोश्री’ से कभी-कभार ही बाहर निकलते हैं। राणे का मतलब था कि ऐसे मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। वह यही कहना चाहते थे।’’ 

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के नेता ने कहा, ‘‘राणे मुख्यमंत्री का अपमान नहीं करना चाहते थे। वह इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करेंगे।’’ आठवले ने यह भी कहा कि राणे ने अपना गुस्सा सिर्फ इसलिए निकाला क्योंकि मुख्यमंत्री लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करना चाहिए। उनसे रोजगार के अवसर पैदा करने की भी उम्मीद थी। लेकिन, महाराष्ट्र में इन मोर्चों पर पिछले दो साल में कुछ नहीं हुआ है। राणे के गुस्से का असली कारण महाराष्ट्र में विकास का अभाव था।’’

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