A
Hindi News महाराष्ट्र महाराष्ट्र: तुलजा भवानी मंदिर खोलने के खिलाफ साधुओं का आंदोलन, परिसर के आसपास धारा 144 लागू

महाराष्ट्र: तुलजा भवानी मंदिर खोलने के खिलाफ साधुओं का आंदोलन, परिसर के आसपास धारा 144 लागू

आज तुलजा भवानी मंदिर परिसर से 300 मीटर तक के इलाके में धारा 144 लगा दी गई है।

<p>Tulja Bhawani</p>- India TV Hindi Image Source : FILE Tulja Bhawani

महाराष्ट्र की कुलस्वामिनी कही जाने वाली तुलजामाता मंदिर को दोबारा खोलने की मांग पर साधु संतों और सरकार के बीच ठन गई है। उस्मानाबाद शहर में स्थित तुलजा भवानी मंदिर को खोलने ​के लिए साधु संतों के आंदोलन से सरकार में खलबली मची हुई है। इस बीच आज तुलजा भवानी मंदिर परिसर से 300 मीटर तक के इलाके में धारा 144 लगा दी गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आज रात 12 बजे तक धारा 144 लागू रहेगी। प्रशासन के आदेश के अनुसार मंदिर परिसर के आसपास जनसभा लेेने, रैली निकालने, प्रेस कॉन्फेरंस करने पर रोक लगायी गई है। 

बता दें कि मंदिर बंद होने के विरोध में आज साधू संत मंदिर के बाहर नवचंडी पाठ और हवन करने वाले थे। इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहें आचार्य तुषार भोषले को सीआरपीसी की धारा 149 के तहत नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में कहा गया हैं कि, मंदिर परिसर के आसपास भीड़ जमा होने की वजह से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। यहां किसी भी तरह की जनसभा या रैली निकालने और प्रेस कॉन्फरेंस लेने पर रोक लगा दी गई हैं। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर इसका उल्लंघन किया तो कार्रवाई की जाएगी। 

बीजेपी की आध्यात्मिक समन्वय समिति के अध्यक्ष तुषार भोंसले ने बताया कि यह अनिश्चितकालीन आंदोलन है जो तब तक जारी रहेगा जब तक महाराष्ट्र सरकार इन्हें तुलजा माता के दर्शन करने की इजाजत नहीं देती हैं। तुषार भोंसले ने महाराष्ट्र सरकार को कुछ दिन पहले चेतावनी दी थी कि अगर महाराष्ट्र सरकार राज्य में मंदिरों को नहीं खोलती है या फिर उन्हें तुलजा माता के दर्शन नहीं करने की अनुमति देती है। तो वह तुलजा माता के मंदिर के बाहर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठेंगे और हड़ताल मंदिर खुलने पर ही समाप्त होगी। 

महाराष्ट्र में संत समाज ने भी महाराष्ट्र सरकार को यह चेतावनी दी थी की 24 घंटे के अंदर महाराष्ट्र सरकार इस विषय पर कोई फैसला ले। महाराष्ट्र सरकार ने मंदिर खोलने की दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाया है।जिसके बाद संत समाज ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला किया है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी समेत अनेक राजनीतिक दलों ने महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए आंदोलन किया है और सरकार से भी दरख्वास्त की थी। लेकिन सरकार ने कोरोना का हवाला देते हुए अभी तक मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों को नहीं खोला है।