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Hindi News महाराष्ट्र "हुड़दंग मचाने वालों को छोडूंगा नहीं, मेरा हिसाब बाकी है", शिवसेना विधायक की धमकी; जानें पूरा मामला

"हुड़दंग मचाने वालों को छोडूंगा नहीं, मेरा हिसाब बाकी है", शिवसेना विधायक की धमकी; जानें पूरा मामला

महाराष्ट्र के मेहकर शहर में दिवाली के दिन एक समूह ने जमकर उत्पात मचाया। मंदिर जा रही लड़की के सामने पटाखे फोड़े और उसे छेड़ा। मामले में 25 से 30 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

शिवसेना शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड़- India TV Hindi शिवसेना शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड़

महाराष्ट्र के बुलढाना जिले के मेहकर शहर में दिवाली के दिन एक समूह ने जमकर उत्पात मचाया। मंदिर में दर्शन करने जा रही नाबालिग लड़की के सामने पटाखे फोड़े और उसे छेड़ा। इतना ही नहीं, लड़की को बचाने आए लोगों को भी लाठियों और पत्थरों से पीटा गया। इसके साथ ही उन्होंने घर में घुसकर सामान तोड़ दिया। इस बीच, इसकी सूचना मिलने पर शिवसेना शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड़ 40-50 गाड़ियों और सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचे और घर का जयजा लिया। 

25 से 30 आरोपियों पर मामला दर्ज 

विधायक संजय गायकवाड़ ने आरोपी के जमानत से बाहर आने पर पकड़कर मारने-काटने की धमकी दी। बता दें कि पीड़ित परिवार विधायक संजय गायकवाड़ के रिश्तेदार हैं। इस पूरे मामले में मेहकर पुलिस थाने में 25 से 30 आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया है। इनमें से एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है। संजय गायकवाड़ ने कहा कि रविवार को जब पूरे राज्य और देश में दिवाली मनाई जा रही थी, तभी मेहकर में कुछ मुस्लिम झुंड ने मेरी भतीजी पर हमला किया। उनका द्वेष केवल धर्म का है कि हम देवी का स्टेटस क्यों रखते हैं, मंदिर में देवी के गाने क्यों चलाते हैं और छत्रपति शिवाजी महाराज का स्टेटस क्यों लगाते हैं। 

घर पर बड़े-बड़े पत्थर भी फेंके गए

उन्होंने कहा, "जिन पर हमला किया गया वह बिल्कुल सामान्य परिवार से हैं। उनके घर पर बड़े-बड़े पत्थर भी फेंके गए। जान से मारने की धमकी भी दी, गालियां दीं। मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं कि पुलिस ने मामल दर्ज किया है, लेकिन कल अगर दिवाली नहीं होती तो मैं इन लोगों को तोड़-फोड़ कर रख देता। आखिर हम भी छत्रपती शिवाजी महाराज के सैनिक हैं, लेकिन मैंने भी सबकुछ टाला, क्योंकि मैं पुलिस और जिले की दिवाली खराब नहीं करना चाहता था। इन लोगों की जब जमानत होगी, तब किसी को भी तोड़े बगैर शांत नहीं बैठूंगा। मैं जात और धर्म का विरोध नहीं करता, लेकिन इस तरह की प्रवृत्तियों को मैं छोडूंगा नहीं।"
- गणेश सोलंकी की रिपोर्ट के साथ