A
Hindi News महाराष्ट्र स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे उद्धव ठाकरे, कहा- 'असली शिवसेना' को लेकर दायर की याचिका

स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे उद्धव ठाकरे, कहा- 'असली शिवसेना' को लेकर दायर की याचिका

महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना मानने के बाद ही उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी। ठाकरे ने कहा था कि स्पीकर ने कोर्ट के फैसले का अपमान किया है।

Maharashtra Politics- India TV Hindi Image Source : FILE उद्धव ठाकरे

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल आने वाला है। असली शिवसेना को लेकर विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में उद्धव ठाकरे ने कहा है कि स्पीकर का यह फैसला गलत है, जिसमें कहा गया है कि एकनाथ शिंदे गुट के पास विधायकों की संख्या ज्यादा है और पार्टी के संविधान के अनुसार, एकनाथ शिंदे ही असली शिवसेना के नेता हैं।

हम जनता को साथ लेकर लड़ेंगे और जनता के बीच जाएंगे- उद्धव 

बता दें कि स्पीकर के फैसले के बाद ही पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा था कि हम जनता को साथ लेकर लड़ेंगे और जनता के बीच जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्पीकर का जो आदेश आया है, वह लोकतंत्र की हत्या है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी अपमान है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि राज्यपाल ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और गलत किया है। अब हम इस लड़ाई को आगे भी लड़ेंगे और हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। सुप्रीम कोर्ट जनता और शिवसेना को पूरा न्याय दिए बिना नहीं रुकेगा।'' 

स्पीकर ने शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना था

बता दें कि पिछले दिनों विधानसभा स्पीकर ने फैसला सुनाते हुए शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना था। विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा, ''मेरे सामने मौजूद सबूतों और रिकॉर्डों को देखते हुए, प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि वर्ष 2013 के साथ-साथ वर्ष 2018 में भी कोई चुनाव नहीं हुआ था। हालांकि, मैं स्पीकर के रूप में 10वीं धारा के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर रहा हूं। अनुसूची का क्षेत्राधिकार सीमित है और यह वेबसाइट पर उपलब्ध ईसीआई के रिकॉर्ड से आगे नहीं जा सकता है और इसलिए मैंने प्रासंगिक नेतृत्व संरचना का निर्धारण करते समय इस पहलू पर विचार नहीं किया है।