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Hindi News मिजोरम म्यांमार से मिजोरम आए शरणार्थियों को हालात सामान्य होने तक वापस नहीं भेजा जाएगा : शाह

म्यांमार से मिजोरम आए शरणार्थियों को हालात सामान्य होने तक वापस नहीं भेजा जाएगा : शाह

म्यांमार में सैनिक शासन लागू होने के बाद से मिजोरम आए शरणार्थियों की समस्या पर आज दिल्ली स्थित गृह मंत्रालय में एक बैठक के दौरान चर्चा हुई। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हालात समान्य होने तक शरणार्थियों को वापस म्यांमार नहीं भेजा जाएगा।

Amit shah, Home minister- India TV Hindi Image Source : INDIA TV अमित शाह, गृह मंत्री

आइजोल:राजधानी दिल्ली स्थिति गृह मंत्रालय में हुई एक अहम बैठक में म्यांमार शरणार्थियों के मुद्दे पर चर्चा हुई। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा को सूचित किया कि जबतक म्यांमार में सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो जाती, तबतक फरवरी 2021 के बाद शरण की आस में आए नागरिकों को वापस नहीं भेजा जाएगा। शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। 

बायोमेट्रिक आंकड़े पर भी चर्चा

बृहस्पतिवार को दिल्ली में हुई बैठक में शाह ने लालदुहोमा से विदेशियों के बायोमेट्रिक आंकड़े एकत्र करने के महत्व पर चर्चा की। मिजोरम की पूर्ववर्ती सरकार ने विदेशियों का बायोमेट्रिक आंकड़े एकत्र करने से इनकार कर दिया था। आधिकारिक बयान में शाह को उद्धृत किया गया, ‘‘मैं मिजोरम के लोगों को बताना चाहता हूं कि केंद्र म्यांमा से शरण के लिए आए लोगों को तबतक निर्वासित नहीं करेगी जबतक पड़ोसी में स्थिति सामान्य नहीं हो जाती।’’ 

मिजोरम में 31 हजार से ज्यादा शरणार्थी

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2021 में म्यांमार में सैन्य शासन स्थापित होने के बाद से अबतक मिजोरम में 31 हजार से अधिक लोग शरण के लिए आए हैं। इनमें से अधिकतर चिन समुदाय के हैं जो मिजो के साथ जातीय संबंध साझा करते हैं। बयान के मुताबिक म्यांमा से लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं, कुछ अपने रिश्तेदारों के यहां या किराए के मकानों में रह रहे हैं। 

केंद्रीय गृह मंत्री और लालदुहोमा ने ‘मिजोरम मेंटेनेंस ऑफ हाउसहोल्ड रजिस्टर्स विधेयक’ पर भी चर्चा की। यह विधेयक फिलहाल राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए लंबित है। इस विधेयक को मार्च 2019 में विधानसभा में पारित किया गया था जिसका उद्देश्य विदेशियों की पहचान करना और पड़ोसी देश से प्रवासियों की बाढ़ को आने से रोकना है। बयान के मुताबिक शाह ने लालदुहोमा को आश्यक सुधार के साथ विधेयक को दोबारा भेजने की सलाह दी। (इनपुट-भाषा)