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Minimum Due : Credit Card पेमेंट में जानिए मिनिमम ड्यू का गणित, कहीं आप तो नहीं हो रहे कंपनियों के अत्याचार के शिकार

Credit Card पेमेंट में जानिए मिनिमम ड्यू का गणित, कहीं आप तो नहीं हो रहे कंपनियों के अत्याचार के शिकार

Credit Card payment- India TV Paisa Image Source : FILE Credit Card payment

Highlights

  • यदि आप पूरा बिल न चुका पाएं तो Minimum Due भी चुका सकते हैं
  • मिनिमम अमाउंट ड्यू दरअसल आपके कुल बिल का एक भाग होता है
  • आम तौर पर मिनिमम अमाउंट ड्यू आपकी कुल आउटस्टैंडिंग का 5% होता है

Minimum Due : क्रेडिट कार्ड (Credit Card) को अक्सर लोग जादू की छड़ी मान लेते हैं। हमें लाख समझाया जाता है कि अपनी लिमिट से ज्यादा खर्चे मत करो। लेकिन दिल तो दिल है, मानता ही नहीं, जहां जो चीज पसंद आई तो हाथ सीधा जेब पर, कार्ड स्वाइप और चीज आपकी। लेकिन इसमें हम भूल जाते हैं कि मंथ के आखिर में खर्च तो आपको की चुकाना है। क्रेडिट कार्ड कंपनियां आपके दिल दिमाग और जेब की दूरी को अच्छी तरह से समझती हैं। यही कारण है कि ये कंपनियां आपको एक सहूलियत देती हैं, जिसे वे मिनिमम अमाउंट ड्यू (Minimum Amount Due) करती हैं।

बिल में आपको लुभाता है मिनिमम ड्यू (Minimum Amount Due) 

यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड (Credit Card) बिल को ध्यान से देखें तो इसमें आपको बिल (Bill Amount) की पूरी राशि दिखेगी। साथ ही अगले खाने में मिनिमम अमाउंट ड्यू (Minimum Amount Due) का ऑप्शन भी दिखेगा। मिनिमम अमाउंट (Minimum Amount) का अर्थ होता है कि यदि आप पूरा बिल न चुका पाएं तो इतनी राशि भी चुका सकते हैं। 

मिनिमम ड्यू पे कर न लें चैन की सांस

किसी महीने के बिल में यदि आप मिनिमम ड्यू (Minimum Amount Due) करते हैं, तो इसे काफी नहीं मानना चाहिए। इसका कतई यह मतबल नहीं है कि आपको क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के बिल से छुट्टी मिल गई है। यह एक तरह से कर्ज का जंजाल है। कंपनी हर महीने आपसे मिनिमम ड्यू (Minimum Amount Due) के नाम पर जो पैसे लेती है, वह सिर्फ ब्याज और फाइल चार्ज में खप जाता है। आपका मूल अमाउंट जस का तस रहता है। 

क्या बला है मिनिमम ड्यू (Minimum Amount Due) 

मिनिमम अमाउंट ड्यू दरअसल आपके कुल बिल का एक भाग होता है। इससे आपको क्रेडिट कार्ड लेट पेमेंट फीस जैसी अतिरिक्त पेनाल्टी से राहत मिल जाती है। लेकिन आपको पूरे बिल पर लगभग 3 से 4% प्रति माह की दर से चार्ज देना पड़ेगा। इस हिसाब से आप सालाना करीब 40 से 50 प्रतिशत ब्याज देंगे। वह भी उस दिन से देना होगा, जिस दिन आपने खरीदारी की है।

मिनिमम अमाउंट ड्यू (Minimum Amount Due) का कैलकुलेशन 

आम तौर पर मिनिमम अमाउंट ड्यू आपकी कुल आउटस्टैंडिंग का 5% होता है। लेकिन यह राशि अलग-अलग बैंक के क्रेडिट कार्ड में अलग-अलग हो सकती है। यदि आपके क्रेडिट कार्ड बिल मेें टोटल आउटस्टेंडिंग की राशि ज्यादा होगी तो यह उस राशि के पांच फीसदी से कम भी हो सकती है। यदि कुल बिल की राशि कम होगी तो यह पांच फीसदी के आसपास भी हो सकती है।

क्या इससे कोई नुकसान है?

जी हां। क्रेडिट कार्ड बिल में सिर्फ मिनिमम अमाउंट ड्यू का पेमेंट करने पर आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं। क्योंकि, इस अमाउंट का इस्तेमाल इंटरेस्ट के पेमेंट के लिए किया जाता है, न कि प्रिंसिपल अमाउंट के पेमेंट के लिए। इंटरेस्ट तब तक लिया जाता रहेगा जब तक आप पूरी तरह से अपना ड्यू क्लियर नहीं कर देते हैं। वहीं आपको 50 प्रतिशत तक ब्याज चुकाना पड़ता है। जो कि अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है। 

सिबिल रिपोर्ट होती है खराब? (Cibil Score)

अक्सर बैंक आपको कहते हैं कि मिनिमम अमाउंट ड्यू चुकाने पर सिबिल स्कोर खराब नहीं होता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब आपके कर्ज की रकम घटने के बजाय बनी रहेगी या बढ़ती रहेगी तो फिर सिबिल स्कोर तो खराब होना तय है। यही नहीं, बैंक आपकी पहचान ऐसे ग्राहक के रूप में करेगा, जिनके पास लिक्विडिटी की कमी है। हो सकता है कि ऐसा ग्राहक आने वाले दिनों में कर्ज के भंवर जाल में फंस जाए।

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