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Rajasthan Corona News: राजस्थान में कोरोना के 71 नये मामले आए, 4 और लोगों की मौत

राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के रविवार को 71 नये मामले सामने आये जबकि महामारी के कारण प्रदेश में चार और लोगों की मौत हो गयी है।

Rajasthan Corona News: राजस्थान में कोरोना के 71 नये मामले आए, 4 और लोगों की मौत- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Rajasthan Corona News: राजस्थान में कोरोना के 71 नये मामले आए, 4 और लोगों की मौत

जयपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के रविवार को 71 नये मामले सामने आये जबकि महामारी के कारण प्रदेश में चार और लोगों की मौत हो गयी है। चिकित्सा विभाग ने इसकी जानकारी दी। चिकित्सा विभाग की ओर से रविवार शाम जारी आंकड़ों के अनुसार बीते चौबीस घंटे में राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के 71 नये मामले सामने आये।

आंकड़ों के अनुसार इस दौरान इस घातक संक्रमण से चार और रोगियों की मौत हुई है, जिसके बाद प्रदेश में संक्रमण से अब तक 8938 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अनुसार इस दौरान राज्य में 147 लोग संक्रमण से ठीक हुए हैं और प्रदेश में अब 1180 संक्रमित उपचाराधीन हैं। 

राज्यपाल की बायोग्राफी के विपणन पर राजभवन ने स्पष्टीकरण जारी किया 

राजस्थान के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को राज्यपाल कलराज मिश्र की बायोग्राफी के प्रकाशक की ओर से 19 पुस्तकों का 68 हजार 383 रुपये का बिल दिए जाने संबंधी विवाद पर रविवार को राजभवन ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि पुस्तक के विपणन और इससे संबंधित किसी व्यावसायिक गतिविधि में उसकी कोई भूमिका नहीं है। उल्लेखनीय है कि गत बृहस्पतिवार को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र की बायोग्राफी ‘कलराज मिश्र निमित्त मात्र हूं मैं’ का लोकार्पण लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किया गया था।

राजभवन में एक जुलाई को आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भाग लिया था। पुस्तक के प्रकाशक ने पुस्तक की प्रतियां उनके वाहनों में रख दीं और उनका बिल लिफाफे मे बंद कर कथित रूप से उनके वाहन चालकों को थमा दिया था। जब कुलपति अपने अपने घर और कार्यालय पहुंचे तब उन्हें पता चला कि पुस्तक की प्रतियों के बिल का भुगतान प्रकाशक इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप को किया जाना है। इस घटनाक्रम से राजभवन को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। राज्यपाल कलराज मिश्र ने ट्वीट के जरिये इस बारे में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि पुस्तक के विपणन और इससे संबंधित व्यावसायिक गतिविधि से राजभवन का कोई लेना-देना नहीं है।

राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि प्रकाशक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और कुलपति पुस्तकें वापस कर सकते हैं। प्रकाशक ने कहा कि 68,383 रुपये के बिल में पांच पुस्तकों- ‘कलराज मिश्र निमित्त मात्र हूं मैं’, ‘जयपुर जैम ऑफ इंडिया’, ‘मारवाड़ी हैरिटेज’, ‘दी हैरिटेज ऑफ इंडियन टी’ और ‘पुणे ए सिटी ऑफ मेनी शेड्स एंड कलर्स’ का उल्लेख है, जबकि एक कुलपति ने दावा किया कि बिल में बायोग्राफी के अलावा बंडल में शामिल किसी भी पुस्तक का उल्लेख नहीं किया गया।

बायोग्राफी के प्रकाशक के सहयोगी डी के टकनेट ने बताया कि कार्यक्रम उनके द्वारा आयोजित किया गया था और पुस्तकें कुलपतियों के आदेशानुसार दी गई थीं। उन्होंने दावा किया कि कुलपतियों ने पुस्तकों की मांग की थी और उन्हें बिल के साथ पुस्तकें दी गई थीं।