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Hindi News राजस्थान राजस्थान में भाजपा की जीत का क्या है "राज", मोदी के मायाजाल में कैसे फंसा "जादूगर"?

राजस्थान में भाजपा की जीत का क्या है "राज", मोदी के मायाजाल में कैसे फंसा "जादूगर"?

राजस्थान में भाजपा की भारी जीत ने सिर्फ अशोक गहलोत और कांग्रेस को ही नहीं, बल्कि तमाम पॉल्टिकल पंडितों को भी चौंका दिया है। पूरा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा गया। मोदी मैजिक के आगे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जादू फेल हो गया और कांग्रेस की रणनीति बिखर गई। भाजपा की इस जीत की कई बड़ी वजहें हैं।

नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री। - India TV Hindi Image Source : FILE नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री।

Rajasthan Assembly Election Result 2023 : राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम सामने आ चुके हैं। भाजपा को चुनावों में भारी बहुमत मिला है। भाजपा की बंपर जीत ने राजस्थान के ज्यादातर एग्जिट पोल के नतीजों को भी धराशाई कर दिया है, साथ ही साथ कांग्रेस और अशोक गहलोत की उम्मीदों को भी। भाजपा की भारी जीत ने कांग्रेस को बड़ा सदमा दे दिया है। इस जीत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के उस दंभ को भी तोड़ दिया है, जिसकी उम्मीद कर वह राजस्थान का ट्रेंड बदलने और नया इतिहास रचने का सपना संजोए बैठे थे। वहीं दूसरी तरफ भाजपा के सिर ताज सजाने वाली जनता ने वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भी अपनी उस परंपरा को कायम रखा है, जिसमें हर बार 5 वर्ष बाद होने वाले चुनावों में वह सत्ता को बदल देती है। मगर इस बार भाजपा की इस बड़ी और अप्रत्याशित जीत की वजह क्या है, आइए आपको बारीकी से समझाते हैं। 

राजस्थान में भाजपा की जीत के सबसे बड़े नायक कहे जा रहे पीएम मोदी का ऐसा मैजिक चला कि कांग्रेस के जादूगर अशोक गहलोत का जादू पूरी तरह फेल हो गया। अशोक गहलोत और कांग्रेस ने अपनी इतनी बड़ी हार और भाजपा की ऐसी जबरदस्त जीत की कल्पना भी नहीं की रही होगी। मगर चुनाव के नतीजों ने उन्हें चौंका दिया है। मोदी मैजिक के आगे जादूगर का जादू फ्लॉप हो गया है। राजस्थान की जनता ने पीएम मोदी और भाजपा पर अपना भरोसा जताया है। भाजपा की राजस्थान में इस शानदार विजय की कई वजहे हैं। 

1. मोदी की गारंटी

राजस्थान की जनता को कांग्रेस के लोकलुभावन वादों से ज्यादा भरोसा पीएम मोदी की गारंटी पर रहा। पूरा चुनाव ही प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर लड़ा गया। भाजपा ने राजस्थान में सरकार आने पर 450 रुपये में गैस सिलिंडर देने का वादा किया, पेट्रोल-डीजल के दामों में सत्ता में आने पर भारी कटौती का भरोसा दिया। आवासहीन लोगों को घर और 2025 तक राजस्थान के हर घर तक पानी पहुंचाने की गारंटी दी। राजस्थान के लोगों को सबसे ज्यादा समस्या पानी की ही है। कई क्षेत्रों में तो पीने के पानी के लिए लोगों को कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। इसके अलावा पीएम मोदी ने भाजपा की सरकार बनने पर अच्छी कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच, पेपरलीक के दोषियों पर कार्रवाई और सुशासन की गारंटी दी। मोदी की इस गारंटी के आगे कांग्रेस का 50 लाख बीमा वाली योजना और महिलाओं को 10 हजार रुपये प्रतिवर्ष की योजना हवा-हवाई लगी। इसकी वजह यह भी थी कि कांग्रेस को ये सब देना था तो 5 वर्ष तक सत्ता में रहते क्यों नहीं किया।

2. हिंदुत्व का मुद्दा और मोदी लहर

भाजपा की राजस्थान में जीत की दूसरी बड़ी वजह उसका हिंदुत्ववाद रहा। पीएम मोदी ने कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति को जनता के सामने रखा। अशोक गहलोत की सरकार रहते उदयपुर में विशेषधर्म के कट्टरपंथियों ने गला रेतकर दिन-दहाड़े हत्या कर दी थी। गहलोत सरकार का रवैया इस मामले में कार्रवाई को लेकर बहुत ही लचर रहा था। उन्होंने इस हत्या के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहरा दिया था। इससे पूरे राज्य के हिंदुओं में उबाल था। पीएम मोदी ने उदयपुर में रोड शो और रैली की तो कन्हैया का नाम लेकर इस मुद्दे को उठाया। पीएम मोदी ने कहा था कि कन्हैया की हत्या इसलिए हो गई, क्योंकि वह हिंदू था। पीएम मोदी ने राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में ताबड़तोड़ रैलियां और रोड शो किया। ऐसे में पूरे राज्य में मोदी लहर चल पड़ी। इसके आगे अशोक गहलोत का जादू और कांग्रेस की रणनीति ध्वस्त हो गई।   

3. गुटबाजी पर शिकंजा

भाजपा ने पार्टी के अंदर की गुटबाजी पर पूरी तरह शिकंजा कसा। बीजेपी ने आखिरी वक्त में वसुंधरा राजे सिंधिया और पार्टी में उनके विरोधी गुट के बीच की खाई को पाट दिया। प्रह्लाद जोशी को चुनाव प्रभारी बनाकर भेजा जो राजस्थान की जनता की नब्ज को अच्छी तरह समझते हैं। उन्होंने पार्टी के अंदर की गुटबाजी को दूर करने में अहम भूमिका निभाई। टिकट बंटवारे में पीएम मोदी और अमित शाह का जबरदस्त प्रबंधन देखने को मिला। कई सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों तक को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतार दिया। इससे भाजपा की जीत की राह आसान हो गई। 

4. भाजपा की राष्ट्रीय नीति और राष्ट्रवाद 

भले ही चुनाव विधानसभा का था। मगर भाजपा की राष्ट्रीय नीति और राष्ट्रवाद ने राज्य स्तरीय चुनाव परिणाों पर भी इसका भारी असर डाला। पूरे देश में राष्ट्रवाद की बयार है। ऐसे में यह मुद्दा विधानसभा चुनाव में भला कैसे अछूता रह सकता है। जम्मू-कश्मीर से 370 हटाना, पाकिस्तान को घर में घुसकर मारना, एलएसी पर चीन को उसकी औकात दिखाना, अयोध्या में राम मंदिर के लोकार्पण का ऐलान करना और अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश की अलग साख बनाने वाले पीएम मोदी की बात पर लोगों ने विधानसभा में भी भरोसा किया। लोगों को राजस्थान में भी भाजपा की सरकार बनने के बाद यूपी, एमपी और गुजरात जैसे राज्यों की तरह डबल इंजन की सरकार से विकास की नई रफ्तार की उम्मीद जगी। 

5. केंद्रीय योजनाओं का असर

राजस्थान में भाजपा की जीत की वजह केंद्रीय योजनाएं भी रहीं। किसान सम्मान निधि, पीएम आवास आयोजन, केंद्रीय आयुष्मान योजना, विधवा और बुजुर्ग पेंशन योजना के लाभार्थी काफी संख्या में हैं। इसके अलावा केंद्र की इन 4 बड़े प्रोजेक्ट ने भी भाजपा को राजस्थान में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इनमें.... 1. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे 2. अमृतसर जामनगर एक्सप्रेस-वे, 3.दिल्ली-अलवर रेल कोरिडोर, 4.दिल्ली अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट (जो रास्थान के कई जिलों से होकर गुजर रही है)। इन 4 मेगा प्रोजेक्ट से राजस्थान में 18 जिलों की जनता सीधे तौर पर लाभान्वित हो रही है। इसके अलावा पीएम मोदी ने राशन योजना को अगले 5 वर्षों के लिए बढ़ा दिया है। ये वजहें भी राजस्थान में भाजपा की जीत का बड़ा कारण बनीं। इनके आगे जादूगर अशोक गहलोत का जादू फेल हो गया।