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Hindi News राजस्थान हमारे यहां कोई गुटबाजी या झगड़ा नहीं, बीजेपी वाले फैला रहे अफवाहें: गहलोत

हमारे यहां कोई गुटबाजी या झगड़ा नहीं, बीजेपी वाले फैला रहे अफवाहें: गहलोत

गहलोत के अनुसार उनका कहने का मकसद तो यही था कि शिक्षकों के तबादलों की कोई नीति बने ताकि उन्हें तबादलों के लिए रिश्वत देने की नौबत न आए।

Ashok Gehlot, Ashok Gehlot BJP, Ashok Gehlot Rajasthan, Ashok Gehlot Congress Quarrel- India TV Hindi Image Source : PTI मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि राजस्थान में कांग्रेस में कोई गुटबाजी या झगड़ा नहीं है।

Highlights

  • गहलोत ने कहा कि शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार पर उनकी बात को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है।
  • गहलोत ने कहा कि हिंदुस्तान में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग सबसे अच्छा काम राजस्थान में कर रहा है।
  • प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शिक्षा मंत्री से तुरंत इस्तीफा लेना चाहिए।

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि राजस्थान में कांग्रेस में कोई गुटबाजी या झगड़ा नहीं है बल्कि बीजेपी वाले इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर उनकी बात को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है जबकि उनका मकसद यह नहीं था। गहलोत द्वारा कभी बागी गुट का माने जाने वाले विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कांग्रेस एवं समर्थक 115 विधायकों से एक एक कर बात की थी और सभी ने उनसे कहा,‘काम के मामले में हमारी कोई शिकायत नहीं। जितने काम हमने कहे, हमारे सब काम हुए।’

‘गुटबाजी वहां पर हैं कि उनकी जमानतें जब्त हो रही हैं’
गहलोत ने कहा,‘कोई गुटबाजी नहीं राजस्थान में। आप खुद देखेंगे कि गुटबाजी की अफवाहें विपक्ष वाले फैला रहे हैं। गुटबाजी वहां पर हैं कि उनकी जमानतें जब्त हो रही हैं कोई तीसरे कोई चौथे स्थान पर रह रहा है। झगड़ा उनके यहां है, हमारे यहां कोई झगड़ा नहीं है। हम सब एकजुट हैं।’ उल्लेखनीय है कि राज्य की 2 सीटों पर हाल ही में हुए उपचुनाव में वल्लभनगर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार चौथे तो धरियावद सीट पर तीसरे स्थान पर रहे। दौसा में गहलोत ने कहा कि शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर भ्रष्टाचार को लेकर उनकी टिप्पणी को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है।

‘सब जगह, हर विभाग में भ्रष्टाचार होता ही होता है’
गहलोत के अनुसार उनका कहने का मकसद तो यही था कि शिक्षकों के तबादलों की कोई नीति बने ताकि उन्हें तबादलों के लिए किसी तरह की सिफारिश या रिश्वत देने की नौबत न आए। मुख्यमंत्री ने कहा,‘खाली अध्यापकों की बात नहीं थी। बात यह थी कि सब जगह, हर विभाग में भ्रष्टाचार होता ही होता है लेकिन सरकार की मंशा है कि उसे रोके कैसे। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजस्थान में इतना अच्छा काम कर रहा है। मैं समझता हूं कि हिंदुस्तान में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग सबसे अच्छा काम राजस्थान में कर रहा है। जो पकड़े जा रहे हैं वे तो शिक्षा विभाग के हैं नहीं।’

‘मेरी टिप्पणी को केवल शिक्षा विभाग से जोड़ा जा रहा’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका कहने का मकसद यह था कि अध्यापकों के तबादलों की नीति बन जाए तो अध्यापकों को पता रहेगा कि उनका तबादला नंबर कब आएगा, ऐसे में न वह पैसा देगा न ही भ्रष्टाचार होगा। गहलोत के अनुसार उनकी टिप्पणी को केवल शिक्षा विभाग से जोड़ा जा रहा है जबकि उनका मकसद यह नहीं था। दरअसल गहलोत ने मंगलवार को शिक्षकों से ही पूछ लिया कि क्या उन्हें तबादले के लिए पैसे देने पड़ते हैं। इस पर शिक्षक समूह से 'हां' की आवाज आने पर गहलोत इसे दुखदायी बताया था।

‘गहलोत को शिक्षा मंत्री से तुरंत इस्तीफा लेना चाहिए’
गहलोत ने कहा था कि तबादलों की कोई नीति बन जाए तो न तो पैसे चलेंगे और न ही उन्हें इसके लिए किसी विधायक के पास अनुशंसा हेतु जाना पड़ेगा। मुख्य विपक्षी दल बीजेपी इसको लेकर राज्य सरकार पर कटाक्ष कर रही है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने ट्वीट किया,‘मुख्यमंत्री के सामने शिक्षकों की ‘पैसे से तबादले होने की हां के बाद’ एसीबी को तुरंत प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए;जांच करनी चाहिए। चूंकि यह सभी के सामने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुआ है, ऐसे में उन्हें विभाग में भ्रष्टाचार के जवाबदेह शिक्षा मंत्री से तुरंत इस्तीफा लेना चाहिए।’ (भाषा)