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महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान के दिन इस समय के दौरान न करें कोई शुभ कार्य, स्नान और दान से भी बचें

महाकुंभ में स्नान-दान का खासा महत्व है, खासकर अमृत स्नान के दिन का। पहला अमृत स्नान हो चुका है जबकि दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को है। इस दौरान दोपहर को इस समय स्नान-दान न करें।

Mahakumbh 2025- India TV Hindi Image Source : PTI महाकुंभ

महाकुंभ में रोजाना लाखों भक्त संगम तट पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। इस दौरान हजारों संत-संन्यासी तप-ध्यान में लीन है। महाकुंभ में अमृत स्नान का काफी महत्व रहता है, इस दिन लोगों की संख्या बढ़ जाती है। हालांकि प्रयागराज के महाकुंभ में पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को संपन्न हो चुका है। अब दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को होना है। दूसरे अमृत स्नान के दिन मौनी अमावस्या की तिथि भी है, जो बेहद शुभ तिथि मानी गई है। ऐसे में इस दिन लोगों को दान-पुण्य और पूजा करना चाहिए। 

माना गया है कि इस दिन मौन रहकर पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है, साथ ही पितर भी प्रसन्न होते हैं। लेकिन इस तिथि के दिन दोपहर में 1.20 घंटे तक कोई शुभ कार्य न करने की सलाह दी गई है।

कब से कब है तिथि?

मौनी अमावस्या तिथि 28 जनवरी की रात्रि से ही प्रारंभ हो जाएगी और इसका समापन 29 जनवरी की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को ही होगा। स्नान के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। हालांकि, पूरे दिन ही भक्त अमृत स्नान करेंगे; लेकिन दिन के समय 1 घंटे 20 मिनट का एक ऐसा मुहूर्त है जिस समय अमृत स्नान करने से भक्तों को बचना चाहिए।

इस समय नहीं करना है कोई भी शुभ कार्य

हिंदू धर्म में शुभ कार्यों के लिए राहुकाल को अच्छा नहीं माना जाता। राहुकाल में किए गए कार्य का शुभ परिणाम आपको प्राप्त नहीं होता। इसलिए अमृत स्नान करने से भी इस दौरान भक्तों को बचना चाहिए। पंचांग के अनुसार, 29 जनवरी के दिन राहुकाल दिन में 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होगा और 1 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। यानि 1 घंटे 20 मिनट तक राहुकाल चलेगा।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)