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Hindi News धर्म 14 मुखी रुद्राक्ष: इसे क्यों कहा जाता है देवमणि या महाशनि? जानिए किसके लिए है वरदान

14 मुखी रुद्राक्ष: इसे क्यों कहा जाता है देवमणि या महाशनि? जानिए किसके लिए है वरदान

आचार्य इंदू प्रकाश अनुसार चौदह मुखी रुद्राक्ष शनि ग्रह से संबंध रखता है। इस रुद्राक्ष को महाशनि भी कहते हैं। इसलिए शनि संबंधी परेशानियों से बचने के लिये चौदह मुखी रुद्राक्ष आपके लिये फायदेमंद हो सकता है।

14 Mukhi Rudraksha- India TV Hindi Image Source : CANVA 14 मुखी रुद्राक्ष

इस चौदह मुखी रुद्राक्ष पर शनिदेव के गुरु माने जाने वाले भगवान शिव का आशीर्वाद भी बना रहता है। जी हां, चौदह मुखी रुद्राक्ष स्वयं शिवजी की कृपा से अभिभूत और प्रत्यक्ष उनकी आंख से उत्पन्न हुआ माना जाता है। अतः इस रुद्राक्ष का विशिष्ट महत्व है। इस रुद्राक्ष को शिवजी के तीसरे नेत्र के सदृश माना जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति इस रुद्राक्ष को कपाल के मध्य में धारण करता है, उसकी पूजा स्वयं देवता और ब्राह्मण करते हैं। यह चौदह मुखी रुद्राक्ष कपाल पर दो भौहों के बीच स्थित आज्ञाचक्र को भी नियंत्रित करता है। इसलिए शास्त्रों में इस चौदह मुखी रुद्राक्ष को कपाल पर पहनने की सलाह दी गयी है, लेकिन आज के समय में कपाल पर रुद्राक्ष पहनना थोड़ा अजीब लग सकता है, इसलिए आप इसे अपने गले में धारण करें और दिन में कुछ समय के लिये इसे अपने कपाल पर स्थित आज्ञाचक्र से स्पर्श जरूर कराएं। इससे आपकी मानसिक चेतना बनी रहेगी।

बेहद शक्तिशाली माना जाता है 14 मुखी रुद्राक्ष

कुछ मतों के अनुसार चौदह मुखी रुद्राक्ष को हनुमान जी का अवतार भी माना जाता है, यानि इस रुद्राक्ष के धारक पर हनुमान जी का भी आशीर्वाद बना रहता है। महाशनि के अलावा देव मणि के नाम से चर्चित इस चौदह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति के पितरों की शुद्धि होती है। साथ ही उस व्यक्ति की यश-कीर्ति में भी बढ़ोतरी होती है। चौदह मुखी रुद्राक्ष जहां एक तरफ हमारी वर्तमान स्थिति को बेहतर बनाता है, तो वहीं दूसरी तरफ भविष्य को उज्ज्वल बनाने में भी हमारी मदद करता है। यह रुद्राक्ष धारक को सोचने-समझने की शक्ति प्रदान करता है। इसको धारण करने से व्यक्ति का सिक्स सेंस, यान छठी इंद्री जागृत होती है। यह धारक को आत्मरक्षा करने का साहस प्रदान करता है और साथ ही कार्य का सही प्रकार से नियोजन करने की क्षमता देता है।

किसे धारण करना चाहिए 14 मुखी रुद्राक्ष

  • जो लोग किसी प्रशासनिक सेवा में शीर्ष पद पर हैं और लोगों को ठीक से परख नहीं पाते हैं, उन लोगों को चौदह मुखी रुद्राक्ष अवश्य ही धारण करना चाहिए। इसे धारण करने से लोगों को परखने में आपको बहुत मदद मिलेगी। 
  • शेयर मार्किट से जुड़े लोगों को या आयात-निर्यात से जुड़े लोगों को भी इस रुद्राक्ष से बेहद लाभ होता है । इससे व्यक्ति दूर बैठे ही किसी के बारे में सही अनुमान लगाने की ताकत रखता है। 
  • जिन लोगों की पत्रिका में शनि की दशा ठीक नहीं चल रही है या जो लोग कालसर्प दोष से परेशान हैं, उन लोगों के लिये चौदह मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से फायदेमंद है। 
  • इसके अलावा स्वास्थ्य के मामले में ये चौदह मुखी रुद्राक्ष आपको किन परेशानियों से छुटकारा दिला सकता है, ये भी जान लेते हैं औषधि के रूप में यह चौदह मुखी रुद्राक्ष का दाना हृदय विकार, आंख संबंधी विकार, त्वचा विकार, मनोविकार या छालों संबंधी समस्या में बहुत ही सहायक है। इसके साथ ही कमजोरी, पेट में दर्द, लकवा, मिर्गी, सुनने में परेशानी या घुटनों संबंधी परेशानी को दूर करने में भी ये रुद्राक्ष बहुत मदद करता है। 
  • जिन लोगों को हृदय संबंधी कोई परेशानी रहती है, उन लोगों को चौदह मुखी रुद्राक्ष के तीन दाने पहनने चाहिए। इससे आपको काफी राहत मिलेगी।
  • अगर आपको मिर्गी के दौरे पड़ते हैं, तो आपको रुद्राक्ष के फल का गूदा या उसके पेड़ की छाल या दाने का चूर्ण लेना चाहिए। इससे मिर्गी पर नियंत्रण पाने में आसानी होती है।

चौदह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र  

  • शिवपुराण के अनुसार – ऊँ नमः
  • मंत्र महार्णव के अनुसार – ऊँ नमो नमः।
  • पद्मपुराण के अनुसार - ऊँ ब्रां
  • स्कंदपुराण के अनुसार – ऊँ दुं मां नमः ।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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