Financial Success Gemstones: अक्सर कुछ लोग बार-बार अपने करियर में असफलता पाते हैं। चाहे व्यवसाय हो या नौकरी अगर आपको भी निराशा हाथ लग रही है, तो ऐसे मुश्किल समय में ज्योतिषयों द्वारा कुछ रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। रत्न शास्त्र में रत्नों को ग्रहों की ऊर्जा से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि अगर सही रत्न पहना जाए, तो जीवन में करियर, धन, आत्मविश्वास और सफलता में जबरदस्त वृद्धि होती है। खास तौर पर कुछ रत्न ऐसे हैं जिन्हें धारण करते ही आर्थिक स्थिति सुधरने लगती है और नए अवसर मिलने लगते हैं। इन रत्नों की शक्ति व्यक्ति के प्रयासों को दिशा देती है और भाग्य को सक्रिय करती है।
तरक्की के लिए पहनें ये 4 पावरफुल रत्न (Financial Success Gemstones)
1. टाइगर रत्न: आर्थिक बाधा दूर करने वाला स्टोन
टाइगर रत्न पीले और काले रंग की धारियों जैसा दिखता है। इसे पहनने से आर्थिक रुकावटें कम होती हैं और आत्मविश्वास बढ़ता है। नौकरी या व्यवसाय में अचानक लाभ चाहिए हो, तो यह रत्न बेहद शुभ माना जाता है। इसे दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में पहनने की सलाह दी जाती है।
2. पुखराज: करियर ग्रोथ और स्थायी धन लाभ का रत्न
पीले रंग का चमकदार पुखराज गुरु ग्रह का प्रभावशाली रत्न है। इसे धारण करने से धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं और करियर में तरक्की मिलती है। इसे तर्जनी उंगली में पहनना शुभ माना जाता है। लंबे समय तक पहनने से पुखराज स्थायी लाभ देता है और ज्ञान तथा भाग्य को मजबूत करता है।
3. ग्रीन जेड: धन आकर्षित करने वाला रत्न
ग्रीन जेड को समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इसे पहनने से मानसिक संतुलन मजबूत होता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। यह रत्न मान-सम्मान बढ़ाने के साथ-साथ व्यवसाय और करियर में नई ऊंचाइयों पर पहुंचने में सहायता करता है। जीवन में संतुलन और तरक्की चाहने वालों के लिए यह बेहद लाभकारी है।
4. नीलम: शनि के प्रभाव को करता है संतुलित
नीलम शनि ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है, जिसकी ऊर्जा बेहद तीव्र मानी जाती है। इसे पहनने से शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और लाइफ में पॉजिटिव चेंज आते हैं। रत्न शास्त्र के अनुसार, नीलम धैर्य, समझदारी और दीर्घकालिक आर्थिक लाभ के लिए पहना जाता है। हालांकि, यह रत्न सभी को सूट नहीं करता, इसलिए इसे पहनने से पहले कुंडली की जांच जरूर करानी चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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