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भारतीय कोच चयन विवाद! 'सीईओ को जवाब भेज दिया, बीसीसीआई लेगी फैसला'

बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीएसी के तीनों सदस्यों के साथ हितों के टकराव का मामला जुड़ा हुआ है, और इस मामले पर कानूनी टीम सीओए का मार्गदर्शन कर रही है। 

भारतीय कोच चयन विवाद! 'सीईओ को जवाब भेज दिया, बीसीसीआई लेगी फैसला'- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES भारतीय कोच चयन विवाद! 'सीईओ को जवाब भेज दिया, बीसीसीआई लेगी फैसला'

नई दिल्ली। प्रशासकों की समिति (सीओए) ने भारतीय टीम का मुख्य कोच चुनने के लिए कपिल देव, अंशुमान गायकवाड़, शांथा रंगास्वामी की तीन सदस्यीय नई क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का गठन किया। लेकिन इसके बाद ही सीएसी के सदस्यों संबंधित हितों के टकराव के मामले उठने लगे। सीएसी ने अब इस बात को सीओए पर छोड़ दिया है कि वह कोच चुनने के लिए उपयुक्त हैं या नहीं। 

सीएसीए के एक सदस्य ने आईएएनएस से कहा कि उन्होंने सीओए को अपने बारे में सफाई दे दी है और अब सीओए को फैसला लेना है कि वह कोच चुनने के काबिल हैं या नहीं। 

सदस्य ने कहा, "मैंने सीईओ के मेल पर अपना जवाब भेज दिया है और अपनी स्थिति साफ कर दी है। अगर सीओए और कानूनी टीम को लगता है कि मेरे खिलाफ हितों के टकराव का मामला है तो मुझे यह मंजूर होगा। यह बेहद करीबी मामला है और मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता/सकती। अगर मैं इस पर टिप्पणी करूं तो भी यह सही नहीं होगा। मैं इस मामले पर बीसीसीआई के फैसले के साथ हूं।"

बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीएसी के तीनों सदस्यों के साथ हितों के टकराव का मामला जुड़ा हुआ है, और इस मामले पर कानूनी टीम सीओए का मार्गदर्शन कर रही है। 

कार्यकारी ने आईएएनएस से कहा, "सीओए अपनी अगली बैठक में कानूनी टीम के साथ इन तीनों के जवाब पर चर्चा करेगी और साथ ही इस बात पर चर्चा करेगी कि भविष्य में इस पर क्या फैसला लिया जाना चाहिए। अगर कानूनी टीम को लगता है कि हितों के टकराव का मामला नहीं है तो नियुक्ति जारी रहेगी नहीं तो एथिक्स ऑफिसर इसमें दखल देंगे।"

बोर्ड के एक कार्यकारी ने कहा कि अगर कानूनी टीम को लगता है कि सीएसी के तीनों सदस्य हितों के टकराव में शामिल हैं तो कोच नियुक्त करने की प्रक्रिया में देरी हो सकती है। 

अधिकारी ने कहा, "बीसीसीआई का संविधान कहता है कि एक शख्स एक ही पद पर बना रह सकता है और अगर यही मामला है तो सीएसी के सदस्य हितों के टकराव की जद में आ सकते हैं। कपिल इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (आईएसी) के निदेशक हैं, जिसको बीसीसीआई से फंड मिलता है। साथ ही वह फ्लडलाइट बनाने वाली कंपनी देव मुस्को के मालिक भी हैं।"

अधिकारी ने कहा, "अंशुमान कई वर्षो से बीसीसीआई की अलग-अलग समितियों में हैं और अब वह बीसीसीआई की एफिलिएशन समिति के सदस्य भी हैं। वह खिलाड़ियों की संघ से जुड़ी एक समिति के साथ भी हैं। शांथा, वह भी आईसीए की निदेशक हैं।"

उन्होंने कहा, "लेकिन, कपिल और शांथा के मामले में यह तर्क दिया जा सकता है कि वह आईसीए के प्रामोटर्स हैं और तब तक हैं जब तक चुनाव नहीं हो जाते। यह रोचक मामला है और अब एथिक्स ऑफिसर ही इस पर अंतिम फैसला लेंगे।"

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