IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खिताबी मुकाबले में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह फिटनेस की समस्या के कारण मैदान में नहीं उतर सके। उन्हें पीठ में जकड़न के कारण आराम दिया गया। वनडे सीरीज के शुरुआती दो मुकाबलों में आठ विकेट चटकाने वाले बुमराह का बाहर होना टीम के लिए एक बड़ा झटका था।
सिराज ने पूरी की बुमराह की कमी
उनकी जगह मोहम्मद सिराज को प्लेइंग इलेवन में जगह मिली और मैच के दूसरे ओवर में ही उन्होंने बुमराह की कमी को पूरी कर दी। सिराज ने बैक टू बैक दो इंग्लिश बल्लाबाजों को पवेलियन की राह पकड़ा दी। उन्होंने अब तक लगातार खतरनाक अंदाज में खेल रहे जॉनी बेयरस्टो और जो रूट को खाता खोलने तक की मोहलत नहीं दी। ये सिराज का मेडन ओवर था। इसके बाद, टीम इंडिया को तीसरी सफलता दिलाने के लिए अटैक पर हार्दिक पांड्या आए।
मैनचेस्टर में पांड्या रहे भारत के सबसे सफल गेंदबाज
पांड्या ने जेसन रॉय को 41 के निजी स्कोर पर आउट किया तब इंग्लैंड का स्कोर था 66 रन। ये उनका मेडन विकेट ओवर था। भारतीय टीम को चौथी सफलता भी पांड्या ने ही दिलाई। उन्होंने खतरनाक अंदाज में बैटिंग कर रहे बेन स्टोक्स को 27 रन के निजी स्कोर पर पवेलियन की राह पकड़ा दी और इंग्लैंड का स्कोर हो गया 14वें ओवर में 4 विकेट पर 74 रन। इंग्लैंड को पांचवां झटका रवींद्र जडेजा ने दिया, जिन्होंने मोईन अली को 34 के निजी स्कोर पर पवेलियन पहुंचाया। इंग्लैंड को छठा और सातवां झटका भी पांड्या ने ही दिया। उन्होंने पारी के 37वें ओवर में लियम लिविंगस्टोन और कप्तान जोस बटलर, दोनों को अपना शिकार बनाया। बटलर ने अपनी टीम के लिए सर्वाधिक 60 रन बनाए। हार्दिक ने इस मुकाबले में भारत के लिए सर्वाधिक 4 विकेट अपने नाम किए। पांड्या ने 3 वनडे की इस सीरीज में 12.33 की औसत से कुछ 6 विकेट चटकाए।
चहल ने लगातार 3 विकेट लेकर समेटी इंग्लैंड की पारी
वहीं टीम इंडिया के लिए आठवीं, नौवीं और दसवीं सफलता युजवेंद्र चहल ने हासिल की। इंग्लैंड की पूरी टीम 259 पर आउट हो गई। चहल को इस निर्णायक मुकाबले में 3 विकेट मिले। इस भारतीय फिरकी गेंदबाज ने इस सीरीज में 16.71 की औसत से कुल 7 विकेट अपने नाम किए और वे बुमराह के बाद भारत के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज रहे।
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