A
Hindi News खेल आईपीएल 2018 7वां फाइनल, 27 तारीख, 27-5-2018 का कुल जोड़ 7, जानिए कैसे बना जीत का अंकगणित?

7वां फाइनल, 27 तारीख, 27-5-2018 का कुल जोड़ 7, जानिए कैसे बना जीत का अंकगणित?

 सीएसके की टीम में ज्यादातर खिलाड़ी 30+ उम्र के हैं लेकिन इन्हीं 'बूढ़े' शेरों ने अपनी फिटनेस और एक्सपीरियंस की कॉकटेल से ना सिर्फ सीएसके को चैंपियन बनाया।

<p>एम एस धोनी</p>- India TV Hindi Image Source : PTI एम एस धोनी

IPL-11 का खिताब एम एस धोनी के नाम हुआ। धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स ने तीसरी बार आईपीएल पर कब्जा किया। ये तो आपको पता है लेकिन क्या आपका मालूम है धोनी को चैंपियन किसने बनाया। कैसे किस्मत ने धोनी ने किए आईपीएल का खेल ही बदल दिया।

जब धोनी को मिला 7 का साथ तो चेन्नई के लिए बन गई बात। इसे चमत्कार कहे धोनी का किस्मत कनेक्शन या फिर लकी नंबर 7 का जादू। चेन्नई ने तीसरी बार आईपीएल खिताब पर कब्जा किया। धोनी के लिए 7 नंबर बहुत लकी है। खुद धोनी भी इसको मानते हैं।

धोनी ने कहा कि लोग स्टैट्स के बारे में बहुत बातें कर रहे हैं, तो आज 27 तारीख है। मेरा जर्सी नंबर सात है और ये हमारा सातवां फाइनल मैच था। तो जीतने के लिए हमारे पास काफी वजहें थी लेकिन मैं समझता हूं ये सब चीजें ज्यादा मायने नहीं रखती..अगर कोई मायने रखती है तो मैदान पर प्रदर्शन।

इसे संयोग कहे चेन्नई सुपर किंग्स की मेहनत या फिर धोनी का किस्मत कनेक्शन। सीएसके के चैंपियन बनने में कहीं ना कहीं नंबर 7 का खेल भी शामिल है। 27 तारीख, जिस रात चेन्नई ने खिताब जीता आखिरी नंबर 7 है। 27-5-2018 के कुल अंकों का योग भी अंत में 7 आता है। धोनी की जर्सी का नंबर 7  है। 7वीं बार चेन्नई फाइनल में पहुंची थी।

धोनी ने 7वीं बार टी-20 टूर्नामेंट जीता। चेन्नई 7 साल बाद फिर चैंपियन बनी। रविवार को मैच था, जो कि हफ्ते का आखिरी और 7वां दिन होता है। कप्तान धोनी का ये 7 नंबर सिर्फ उनके लिए नहीं बल्कि वॉट्सन के लिए भी नंबर 7 शुभ साबित हुआ। 36 साल की वॉटसन ने 57 गेंदों का सामना करते हुए 117 रन बनाए।

नंबर सात के साथ ने भले ही सीएसके को चैंपियन बनाया लेकिन सच्चाई ये भी है कि सीएसके शुरु से ही टूर्नामेंट में फेवरेट थी। जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ा। सीएसके ने अपना दावा मजबूत किया। जो सनराइजर्स टेबल टॉपर थी..उस टीम को धोनी ने टूर्नामेंट को 4 बार हराया। 

चेन्नई सुपर किंग्स ने सनराइजर्स को लीग मुकाबले में 2 बार हराया। इसके बाद क्वालीफायर राउंड में हराया फिर फाइनल में 8 विकेट से हराकर खिताब पर कब्जा किया। जब दो साल के बैन के बाद जब सीएसके ने वापसी की, तो लोगों ने उनकी टीम को बूढ़ा बताया। सीएसके की टीम में ज्यादातर खिलाड़ी 30+ उम्र के हैं लेकिन इन्हीं 'बूढ़े' शेरों ने अपनी फिटनेस और एक्सपीरियंस की कॉकटेल से ना सिर्फ सीएसके को चैंपियन बनाया। बल्कि दुनिया को बताया ओल्ड इज़ ऑल वेज गोल्ड।