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गोल्ड जीतने के बाद अतिरिक्त दबाव भी पड़ता है- स्वप्ना बर्मन

एशियाई खेलों में हेप्टाथलन का स्वर्ण पदक जीतने वाली स्वप्ना बर्मन ने शुक्रवार को कहा कि उनका लक्ष्य 2020 में टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतना है और वह इसके लिए कड़ी ट्रेनिंग करेंगी।

स्वप्ना बर्मन- India TV Hindi Image Source : AP IMAGES स्वप्ना बर्मन

कोलकाता। एशियाई खेलों में हेप्टाथलन का स्वर्ण पदक जीतने वाली स्वप्ना बर्मन ने शुक्रवार को कहा कि उनका लक्ष्य 2020 में टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतना है और वह इसके लिए कड़ी ट्रेनिंग करेंगी। बर्मन ने यहां इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2018 में कहा, "मुझे यह प्रेरित करता है कि अब समूचा देश मुझे उत्साहित कर रहा है। हां, साथ ही इससे अतिरिक्त दबाव भी पड़ता है लेकिन मेरे सर (सुभाष सरकार) मेरे साथ हैं। वह मुझे टोक्यो ओलम्पिक, जो मेरा लक्ष्य है, से पहले कड़ी ट्रेनिंग देंगे।"

21 साल की स्वप्ना को एशिया खेल के दौरान दांत व मसूड़े और पीठ में दर्द की शिकायत थी। इसके बावजूद उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था।

उन्होंने कहा, "स्वर्ण पदक जीतने के बाद भी मैं बदली नहीं हूं। लेकिन, अचानक ही देश के प्रत्येक कोने से मिलने वाले ध्यान से मुझे खास होने का अहसास होता है। कभी-कभी लगता है कि मैं सपना देख रही हूं।" 

एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें स्वप्ना की मां बेटी की जीत के बाद रोने लगी थीं। उनकी मां बासना बर्मन एक नौकरानी के रूप में काम करती थीं और चाय बागानों में पत्तियों को तोड़ने का काम करती थीं।

स्वप्ना ने इस वीडियो के बारे में कहा, "मैंने अपनी मां से पूछा कि वह क्यों रो रही थी? मैं वीडियो को सही से नहीं देख पाई क्योंकि मुझे उनका रोना देखा नहीं गया। यह एक भावनात्मक क्षण था लेकिन उन्हें मुस्कराना चाहिए थे।"

आगामी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए बर्मन को अभी तक विशेष जूते नहीं मिले हैं। उनके दोनों पैर में छह-छह उंगलियां हैं।

भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) महानिदेशक नीलम कपूर ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि बर्मन के विशेष जूतों का मामला उन्होंने एडिडास के साथ उठाया है और वे इसके लिए राजी हुए हैं।

बर्मन ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि मुझे जल्द ही अनुकूलित जूते मिलेंगे। मेरी टीम इसका ध्यान रख रही है। मैं आपसे यह बयां नहीं कर सकती कि एशियाई खेलों के दौरान मुझे किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।"