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मेरीकोम ने विश्व चैम्पियनशिप के दौरान विरोध दर्ज करने के नियम पर उठाया सवाल

एमसी मेरीकोम ने विश्व चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में मिली हार के बाद मंगलवार को विरोध दर्ज करने के नियम पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके पीछे का तर्क उनकी समझ से परे है। 

मेरीकोम- India TV Hindi Image Source : PTI मेरीकोम

दिल्ली। छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मेरीकोम ने विश्व चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में मिली हार के बाद मंगलवार को विरोध दर्ज करने के नियम पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके पीछे का तर्क उनकी समझ से परे है। मेरीकोम ने खेल मंत्रालय के सम्मान समारोह कार्यक्रम के इतर कहा,‘‘ हमारे विरोध को इसलिए स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि मैं 1-4 के फैसले से हारी थी। मुझे नहीं पता कि यह कैसा नियम है कि आप 1-4 से हारने के बाद विरोध नहीं दर्ज करा सकते।’’

विश्व चैम्पियनशिप में रिकॉर्ड आठवां और 51 किग्रा में पहला पदक जीतने वाली इस दिग्गज मुक्केबाज ने कहा,‘‘अगर जीत के हकदार को हरा दिया जाए तो यह खेल के लिए अच्छा नहीं होगा।’’

मेरीकोम को तुर्की की बुसेनाज काकिरोग्लू से 1 - 4 से पराजय झेलनी पड़ी। भारतीय दल ने इस फैसले का रिव्यू मांगा लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ की तकनीकी समिति ने उनकी अपील खारिज कर दी। नियमों के मुताबिक फैसले पर विरोध तभी दर्ज किया जा सकता है जब वह 3-2 या 3-1 का होगा।

उन्होंने कहा कि इस हार के बावजूद भी विश्व चैम्पियनशिप से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है जिससे वह तोक्यो ओलंपिक में पदक जीत सकती है।

उन्होंने कहा,‘‘सेमीफाइनल में हार के बाद भी विश्व चैम्पियनशिप आगे की तैयारियों के लिए अच्छी रही। मैं पूरी तरह से फिट थी और 51 किग्रा में अच्छे लय में थी। इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है और मैं ओलंपिक में बेहतर कर सकती हूं।’’

इस मौके पर 48 किग्रा भारवार्ग में रजत जीतने वाली मंजू रानी और कांस्य पदक जीतने वाली जमुना बोरो (54 किग्रा) तथा लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) को भी सम्मानित किया गया।