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देश का प्रतिनिधित्व करने से अच्छी कोई भावना नहीं : विवेक प्रसाद

विवेक सागर प्रसाद ने 17 साल की उम्र में जनवरी 2018 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने न्यूजीलैंड में चार राष्ट्रों के टूर्नामेंट में पहली बार भारतीय टीम की जर्सी पहनी थी।

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भुवनेश्वर| विवेक सागर प्रसाद ने 17 साल की उम्र में जनवरी 2018 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने न्यूजीलैंड में चार राष्ट्रों के टूर्नामेंट में पहली बार भारतीय टीम की जर्सी पहनी थी और इसी के साथ वह अपने देश के लिए पदार्पण करने वाले दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए थे। उनसे पहले संदीप सिंह का नाम है। दो साल बाद इस युवा खिलाड़ी को एफआईएच द्वारा साल-2019 के सर्वश्रेष्ठ उभरते हुए खिलाड़ी का अवार्ड मिला है।

विवेक ने कहा, "मुझे लगता है कि शीर्ष स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने से बेहतर एहसास कुछ नहीं हो सकता। जब मैं युवा था तब मैं बैड़मिंटन और शतरंज में ज्यादा रुचि लेता था, लेकिन चीजें बदलीं और मैं धीरे-धीरे हॉकी की तरफ आया। मैंने अभी तक जो कुछ भी हासिल किया है उसके लिए मैं अपने परिवार, प्रशिक्षकों, दोस्तों का शुक्रिया अदा नहीं कर सकता, सभी का योगदान काफी है।"

उन्होंने कहा, "यह अवार्ड बहुत बड़ा सम्मान है और मैं सिर्फ इस बात को सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मैं लगातार कड़ी मेहनत कर सकूं, अपना फोकस बनाए रख सकूं और देश को गौरवान्वित कर सकूं।" विवेक ने हाल ही में एफआईएच प्रो लीग में बेल्जियम के खिलाफ नौ फरवरी को खेले गए दूसरे मैच में पहला गोल किया था, जिससे उनका आत्मविश्वास काफी ऊपर उठा है।

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मैंने अपने बेसिक्स को सही रखने पर फोकस किया है। बार-बार आगे जाने का मौका मिलता है, इसलिए मैंने पहला गोल करने का मौका पूरी तरह से भुना लिया। मुझे लगता है कि पूरे मैच के दौरान हमारे पास मौके थे, लेकिन हम उन्हें तब्दील नहीं कर सके। निजी तौर पर मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। मैं अपना स्वाभाविक खेल खेल रहा था।"