A
Hindi News खेल अन्य खेल Syed Modi International 2018: समीर ने जीता सैयद मोदी चैम्पियनशिप खिताब, सायना चूकीं

Syed Modi International 2018: समीर ने जीता सैयद मोदी चैम्पियनशिप खिताब, सायना चूकीं

समीर ने पिछले साल बी. साई प्रणीत को हराकर यह खिताब अपने नाम किया था। उन्होंने इस साल भी यह खिताब बरकरार रखा है। 

समीर ने जीता सैयद मोदी चैम्पियनशिप खिताब, सायना चूकीं- India TV Hindi Image Source : PTI समीर ने जीता सैयद मोदी चैम्पियनशिप खिताब, सायना चूकीं

लखनऊ। मौजूदा चैम्पियन समीर वर्मा ने रविवार को यहां शानदार प्रदर्शन करते हुए लगातार दूसरी बार सैयद मोदी अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन चैम्पियनशिप का खिताब जीत लिया जबकि महिला एकल में सायना नेहवाल खिताब जीतने से चूक गईं। समीर ने पिछले साल बी. साई प्रणीत को हराकर यह खिताब अपने नाम किया था। उन्होंने इस साल भी यह खिताब बरकरार रखा है। 

टूर्नामेंट में तीसरी वरीयता प्राप्त समीर ने पुरुष एकल के फाइनल में छठी वरीयता प्राप्त चीन के लु गुआंग्झु को तीन गेम तक चले कड़े और संघर्षपूर्ण मुकाबले में 16-21, 21-19, 21-14 से मात देकर खिताब अपने नाम किया। समीर ने एक घंटे 10 मिनट में यह मैच जीता। वल्र्ड नंबर-16 समीर की वल्र्ड नंबर-36 गुआंग्झु के खिलाफ यह पहली जीत है। इस जीत के साथ ही उन्होंने इस साल आस्ट्रेलियन ओपन में गुआंग्झु से मिली हार का बदला भी चुकता कर लिया है। उन्होंने अब गुआंग्झु के खिलाफ अपना करियर रिकॉर्ड 1-1 का कर लिया है।

समीर पहले गेम में थोड़े नरम दिखाई दिए और वह पहला गेम 16-21 से हार गए। इसके बाद उन्होंने दूसरे गेम में जोरदार वापसी की और 14-11 की बढ़त बनाने के बाद उन्होंने 21-19 से गेम जीत लिया। तीसरे और निर्णायक गेम में दोनों खिलाड़ी लय में नजर आए। समीर इस गेम में एक समय 7-3 से आगे थे। इसके बाद चीनी खिलाड़ी ने 7-7 की बराबरी हासिल करने के बाद 10-7 की बढ़त बना ली। 

समीर ने फिर वापसी की और पहले तो 10-10 की बराबरी हासिल की और फिर उन्होंने 16-12 की अच्छी बढ़त बना ली। चीनी खिलाड़ी इसके बाद गेम में पिछड़ते गए और समीर ने 19-14 की बढ़त बनाने के बाद 21-14 से गेम और मैच अपने नाम कर लिया। वहीं, बड़े उलटफेर का शिकार होकर सायना नेहवाल चौथे खिताब से चूक गईं। वल्र्ड नम्बर-9 सायना को महिला एकल वर्ग के फाइनल में चीन की हान युए ने मात दी। 

चीन की वल्र्ड नम्बर-27 खिलाड़ी हान ने 35 मिनट तक चले मुकाबले में सायना को सीधे गेमों में 21-18, 21-8 से हराकर खिताब जीता। हान इस टूर्नामेंट को जीतने वाली चीन की दूसरी महिला खिलाड़ी बन गई हैं। पहले गेम में सायना ने अच्छी शुरुआत कर हान के खिलाफ 16-12 की बढ़त बना रखी थी, लेकिन भारतीय खिलाड़ी की गलतियों का फायदा उठाकर हान ने 18-18 से स्कोर बराबर करने के बाद तीन अंक लेकर 21-18 से जीत हासिल की।

दूसरे गेम में हान ने पूरी तरह से खेल पर अपना कब्जा जमाया और सायना को आसानी से 21-8 से जीत हासिल कर पहला सैयद मोदी अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन चैम्पियनशिप खिताब जीता। सायना ने 2009, 2014 और 2015 में इस चैम्पियनशिप को अपने नाम किया था लेकिन वह चौथी बार इसे जीतने में नाकाम रहीं। युगल में भारत को निराशा हाथ लगी। अनुभवी महिला युगल जोड़ी अश्विनी पोनप्पा और एन. सिक्की रेड्डी को महिला युगल वर्ग के फाइनल में हार मिली।

फाइनल में वल्र्ड नम्बर-25 जोड़ी अश्विनी और सिक्की को मलेशिया की चाउ मेइ कुआन और ली मेंग यीन की जोड़ी ने मात दी और खिताब अपने नाम कर लिया। मेइ और मेंग की वल्र्ड नम्बर-19 जोड़ी ने फाइनल में 45 मिनट तक चले मुकाबले में भारत की अश्विनी और सिक्की की जोड़ी को सीधे गेमों में 21-15, 21-13 से मात दी। दोनों जोड़ियों के बीच पहले तीन मुकाबले हुए थे, जिसमें से दो में जीत हासिल कर सिक्की और अश्विनी की जोड़ी ने बढ़त बना रखी थी। लेकिन, इस खिताबी मुकाबले के बाद मलेशियाई जोड़ी ने अपना स्कोर 2-2 से बराबर कर लिया और एशियाई खेलों में मिली हार का बदला भी पूरा किया।

पुरुष युगल में भी भारतीय जोड़ी खिताब नहीं जीत पाई। सात्विक साईराज रेंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी को फाइनल में इंडोनेशिया की फजर अल्फियान और मोहम्मद रियान की जोड़ी ने मात दी। पुरुष युगल वर्ग के खिताबी मुकाबले में सात्विक-चिराग की जोड़ी को फजर और रियान की जोड़ी ने 38 मिनटों के भीतर 21-11, 22-20 से मात दी। भारतीय जोड़ी ने पहला गेम हारने के बाद दूसरे गेम में अच्छी वापसी करते हुए पहले स्कोर 10-10 से बराबर किया और उसके बाद 18-14 से बढ़त हासिल कर ली। हालांकि, इसके बाद सात्विक-चिराग इस बढ़त को बरकरार नहीं रख सके और इंडोनेशियाई जोड़ी ने स्कोर को 20-20 से बराबर कर दिया। 

रियान और फजर की जोड़ी ने समय न गंवाते हुए दो अंक हासिल किए और इस मैच को अपने नाम कर खिताबी जीत हासिल की। इस हार के कारण सात्विक और चिराग की जोड़ी सैयद मोदी चैम्पियनशिप खिताब जीतने वाली पहली भारतीय पुरुष युगल जोड़ी बनने का इतिहास अपने नाम नहीं कर सकी।