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चीन का नया अजूबा, बना दिया मच्छर की साइज वाला ड्रोन, बिना नजर आए युद्ध में मचा सकता है तबाही

China ने मच्छर की तरह दिखने वाला अजूबा ड्रोन बना दिया है, जो युद्ध के दौरान तबाही मचा सकता है। यह मिलिट्री ड्रोन महज 1.3 सेंटीमीटर लंबा है और इसमें मच्छर की तरह पंख और लैग्स दिए गए हैं।

Mosquito drone- India TV Hindi Image Source : SORA.AI मच्छर की साइज वाला ड्रोन (एआई जेनरेटेड प्रतीकातम्क तस्वीर)

चीन ने मॉडर्न वॉरफेयर की तस्वीर पूरी तरह बदल दी है। चीनी वैज्ञानिकों ने मच्छर की साइज वाला मिलिट्री ड्रोन बनाया है, जो युद्ध में बड़ी तबाही मचा सकता है। यह मिलिट्री ड्रोन सर्विलांस के साथ-साथ छिपकर टोही मिशन को अंजाम दे सकता है। युद्ध के दौरान चीनी सेना इस छोटे ड्रोन की मदद से दुश्मन पर नजर रख सकती है। इस माइक्रो ड्रोन को चीन की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी (NUDT) की रोबोटिक्स लैब ने बनाया है।

चीन ने बना दिया अजूबा

चीनी मीडिया साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के हुनान प्रांत में स्थित NUDT के रोबोटिक्स लैब के रिसर्चर ने इस कॉम्पैक्ट ड्रोन को मिलिट्री और डिफेंस के लिए तैयार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस ड्रोन की साइज और डिजाइन मच्छर की तरह ही है, जिसकी वजह से इसे 'Mosquito Drone' भी कहा जा रहा है। इस माइक्रो ड्रोन के प्रोटोटाइप को चीन के सेंट्रल टेलीविजन मिलिट्री चैनल CCTV 7 पर डिस्प्ले किया गया।

चीनी मीडिया को NUDT के एक रिसर्चर ने बताया कि यह एक तरह का रोबोट है, जिसे मिनिएचर बायोनिक रोबोट कहा जाता है। इसमें दो छोटे-छोटे विंग्स दिए गए हैं, जो देखने में मच्छर के पंख की तरह लगते हैं। इसके अलावा इसमें बाल जितने पतले तीन लैग्स मिलते हैं। इस ड्रोन को स्मार्टफोन के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है। इसकी लंबाई महज 1.3 सेंटीमीटर है।

छिपकर कर सकता है कई काम

रिपोर्ट के मुताबिक, यह मिलिट्री ड्रोन युद्ध के समय कई तरह के काम में आ सकता है। इसे कई तरह के मिलिट्री ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। खास तौर पर सर्विलांस और टोही मिशन को अंजाम देने में यह मच्छर वाला ड्रोन सक्षम होगा। इसके अलावा यह आपातकाल के तौरान सर्वाइवर्स को लोकेट करने में भी मदद कर सकता है। इसमें नेविगेशन के लिए Rubble समेत कई तरह के सेंसर दिए गए हैं, जो वातावरण के कंडीशन, एयर क्वालिटी, वाटर क्वालिटी आदि को माप सकते हैं।

हालांकि, इस माइक्रो ड्रोन में कई तरह की खामियां भी हैं। इसमें पेलोड की क्षमता बहुत कम या सीमित है। इसके अलावा इस ड्रोन की फ्लाइट टाइम भी काफी कम है। छोटी बैटरी की वजह से यह लंबी उड़ान नहीं भर सकता है। हालांकि, बैटरी लाइफ को सेंसर टेक्नोलॉजी आदि को इंप्रूव किया जा सकता है। साथ ही, इसमें AI बेस्ड फीचर्स भी जोड़े जा सकते हैं, जो इस प्रोटोटाइप को और बेहतर बनाएगा।

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