नीट यूजी की परीक्षा में धांधली करने वाले गिरफ्तार, यूपी STF ने तीन आरोपियों को पकड़ा
पुलिस ने तीनों आरोपियों को गौतमबुद्ध नगर से गिरफ्तार किया है। इनके पास से 10 मोबाइल फोन, दो आधार कार्ड और अभ्यर्थियों की डाटा शीट बरामद की गई है।

उत्तर प्रदेश की विशेष पुलिस टीम ने नीट यूजी परीक्षा में धांधली करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यूपी के गौतमबुद्ध नगर से गिरफ्तार किए गए विक्रम कुमार, धर्मपाल सिंह, अनिकेत कुमार के पास से मोबाइल फोन, दो इनक्रिप्टेड आधार कार्ड और अभ्यर्थियों की डाटा शीट बरामद की गई है। ये आरोपी परीक्षा में पास कराने के नाम पर ठगी करने का करते थे और जब इन्हें गिरफ्तार किया गया, तब इस काम के लिए फोन पर पैसे मांग रहे थे।
यूपी पुलिस की तरफ से बताया गया कि आरोपी नीट यूजी और अन्य परीक्षाओं में धांधली कर पैसा कमाते थे। ये तीनों आरोपी दिल्ली के रहने वाले हैं। विक्रम कुमार साह गणेश नगर, लक्ष्मीनगर में रहता था, जबकि, धर्मपाल सिंह शिवपुर वेस्ट सागरपुर, नई दिल्ली का रहने वाला है और अनिकेत कुमार लक्ष्मीनगर, दिल्ली का रहने वाला है।
फोन, आधार कार्ड सहित यह सामान बरामद
आरोपियों के पास से छह मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल परीक्षा में धांधली से जुड़े काम के लिए किया जाता था। वहीं, चार अन्य फोन भी बरामद हुए हैं, जिनका उपयोग वे निजी काम के लिए करते थे। इसके साथ ही दो इनक्रिप्टेड आधार कार्ड, अभ्यर्थियों की डेटा शीट, पैन कार्ड, क्रेडिट कार्ड, वोटर कार्ड, पासपोर्ट, और चेक बुक, एप्पल मैक बुक और एक फॉर्च्यूनर कार बरामद की गई है। पुलिस न आरोपियों को नोएडा के सेक्टर तीन से शनिवार को रात 10.45 बजे गिरफ्तार किया।
मुखबिर की सूचना पर हुई गिरफ्तारी
पुलिस को मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि कुछ लोग नीट यूजी परीक्षा में पास कराने के नाम पर छात्रों के परिजनों से पैसे मांग रहे हैं और इस गैंग के लोगों का ऑफिस नोएडा सेक्टर तीन में है। इसके बाद नोएडा एसटीएफ ने तुरंत मौके पर पहुंचकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। विक्रम कुमार साह ने पूछताछ पर बताया की उसकी उम्र 30 वर्ष है। वर्ष 2011 में विक्रम दरभंगा बिहार से विनायका मिशन, विश्वविद्यालय, चेन्नई गया जहां पर बायो टक्नोलाजी में ग्रेजूऐशन के लिए एडमिशन लिया, यहीं पर इसकी मुलाकात अनिकेत से हुई और इन दोनों ने मिलकर 30 प्रतिशत कमीशन पर विनायका में एडमीशन कराने का काम शुरू किया। यहां से पोस्ट ग्रेजुऐशन करने के बाद दिल्ली आ गये और यहां इनकी मुलाकात धर्मपाल सिंह से हुई।
तीन लोगों ने शुरू की फर्जी कंपनी
तीनों लोगों ने पहले admission view नाम से एक कम्पनी रजिस्टर की और एम०बी०बी०एस० के कैन्डीडेट्स का डाटा इकट्ठा कर उनको कॉल करके एडमीशन कराने के नाम पर पैसे लेकर ठगी का काम करने लगे। ठगी करने के लिए प्रति अभ्यर्थी पास कराने के नाम पर पांच लाख रूपये मांगे जाते थे। यह रूपया एकाउन्ट में और पी०डी०सी० चैक के जरिए लिया जाता था। अभ्यर्थियों को कहा जाता था कि उन्हें जो उत्तर आते हैं, उन्हीं के जवाब लिखें और बाकी खाली छोड़ दें। ये लोग दावा करते थे कि बाद में उनकी ओएमआर मार्कशीट निकालकर उसमें सही उत्तर भर दिया जाएगा।
2023 में बनाई नई कंपनी
अभ्यर्थी का प्रवेश होने पर पैसा इन्हें मिल जाता था और कोई शिकायत नहीं करता था। वहीं, एडमिशन नहीं होने पर टालते रहते थे। ज्यादा दबाव होने पर जगह छोड़कर भाग जाते थे। पुरानी कंपनी के खिलाफ कई शिकायतें होने पर 2023 में नई कम्पनी SHREYANVI EDU OPC PVT LTD बनाकर नोएडा सेक्टर-3 के पते पर रजिस्ट्रेशन कराया और दोबारा इसी धोखाधड़ी के काम में लग गये। नीट परीक्षा पास आने पर इनके कैन्डीडेट्स का डाटा इकट्ठा करके कॉल कराकर उनको एग्जाम में पास कराने के नाम पर दोबारा पैसा ठगने का काम करने लगे। गिरफ्तार किये गये आरोपियों के खिलाफ कई आराओं में मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस इनके खिलाफ अग्रिम कार्रवाई कर रही है।