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Hindi News उत्तर प्रदेश 'सनातन' यही एकमात्र धर्म है, बाकी सब संप्रदाय और पूजा पद्धतियां हैं-यूपी के सीएम योगी ने कह दी ये बड़ी बात

'सनातन' यही एकमात्र धर्म है, बाकी सब संप्रदाय और पूजा पद्धतियां हैं-यूपी के सीएम योगी ने कह दी ये बड़ी बात

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सनातन धर्म को लेकर बड़ी बात कह दी है। सीएम योगी ने कहा कि सनातन ही एक धर्म है बाद बाकी सभी संप्रदाय पूजा पद्धतियां हैं। बता दें कि सनातन धर्म को लेकर पिछले दिनों काफी विवाद हुआ है।

up cm yogi adityanath- India TV Hindi Image Source : PTI यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान

गोरखपुर: पिछले दिनों डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म पर की गई विवादास्पद टिप्पणी को लेकर काफी बवाल मचा था और राजनीतिक बहस छिड़ घई थी। अब इसी पृष्ठभूमि में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी बात कह दी है। योगी ने कहा है कि सनातन धर्म ही एकमात्र धर्म है और बाकी सब संप्रदाय और पूजा पद्धतियां हैं। 'श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ' कार्यक्रम में बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, "दुनिया भर में मानवता के लिए संकट बढ़ता जा रहा है और इसे बचाने के लिए सनातन ही  एकमात्र विकल्प है, ऐसे में दुनिया में सनातन धर्म ही एकमात्र धर्म है, बाकी सभी संप्रदाय और पूजा पद्धतियां हैं। सनातन मानवता का धर्म है और अगर इस पर हमला किया गया तो विनाश होगा।" 

सीेएम योगी ने कही ये बड़ी बात

मुख्यमंत्री योगी ने अंतिम सत्र को संबोधित किया, जिसमें गोरखनाथ मंदिर में आयोजित सात दिवसीय 'श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ' का समापन हुआ। यह आयोजन महंत दिग्विजय नाथ की 54वीं और राष्ट्रीय संत महंत अवैद्यनाथ की 9वीं पुण्य तिथि की याद में आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री योगी ने श्रीमद्भागवत के संकीर्ण दृष्टिकोण के सार को समझने और इसकी विशालता को समझने के लिए संघर्ष करने के लिए खुली मानसिकता रखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "भागवत की कथा असीमित है और इसे विशिष्ट दिनों या घंटों तक सीमित नहीं किया जा सकता है। यह अंतहीन रूप से बहती है और भक्त लगातार इसके सार को अपने जीवन में आत्मसात करते हैं।"

योगी ने बताया-कौन थे महंत दिग्विजयनाथ

मुख्यमंत्री ने महंत दिग्विजयनाथ जी के बारे में बताया, "महंत दिग्विजयनाथ जी ने गोरक्षपीठ से जुड़ने के बाद सबसे पहले शिक्षा पर जोर दिया और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की। युवा पीढ़ी को राष्ट्रवाद से ओतप्रोत करने के लिए उन्होंने अपनी संस्थाओं का विस्तार किया. उनके द्वारा स्थापित शिक्षा परिषद ने इसमें योगदान दिया है." विश्वविद्यालय की स्थापना और अपना विश्वविद्यालय स्थापित किया है। इसके अलावा चार दर्जन शैक्षणिक प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना कर युवा पीढ़ी को देश और समाज से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करने का काम कर रही है।"