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Hindi News उत्तर प्रदेश संगीत सोम ने महमूद मदनी को बताया 'बीमार कौम के बीमार मौलाना', कहा- 'लाठी लेकर लाहौर तक दौड़ा कर आएंगे'

संगीत सोम ने महमूद मदनी को बताया 'बीमार कौम के बीमार मौलाना', कहा- 'लाठी लेकर लाहौर तक दौड़ा कर आएंगे'

संगीत सोम ने कहा कि महमूद मदनी दुष्ट आदमी हैं। महमूद मदनी जैसे लोग जिहादी हैं। ऐसे लोग बीमार कौम के बीमार मौलाना हैं। अगर उन्होंने इस तरह के बयान देना बंद नहीं किया तो लाठी लेकर लाहौर तक दौड़ा कर आएंगे।

Sangeet Som- India TV Hindi Image Source : PTI संगीत सोम

बीजेपी नेता संगीत सोम ने मौलाना महमूद मदनी को बीमार कौम का बीमार मौलाना करार दिया है। उनके बयान पर फायर हुए भाजपा नेता संगीत सोम ने कहा किस दुष्ट का नाम ले रहे हो महमूद मदनी जैसे जिहादी लोग जिहाद को अच्छा बताते हैं। वह कहते हैं अच्छे काम के लिए वह जिहाद नहीं छोड़ते। वह कहते हैं जिहाद अच्छा शब्द है। वे लोग बीमार कौम के बीमार मौलाना हैं। 

संगीत सोम ने कहा कि महमूद मदनी को मैं बता देना चाहता हूं कि वह इस तरह के बयान बंद करें नहीं तो लाठी लेकर लाहौर तक उन्हें दौड़ा कर आएंगे। रामपुर से सपा सांसद ने भी महमूद मदनी के बयान का समर्थन किया है जिस पर संगीत सोम ने कहा कि ये मेंटली अपसेट लोग हैं।

रामपुर सांसद को मेंटली अपसेट कहा

गुरुवार रात भाजपा नेता संगीत सोम मुजफ्फरनगर जनपद में एक शादी समारोह में पहुंचे थे, जहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यार तुमने पूरी शादी का माहौल खराब कर दिया। किस दुष्ट का नाम ले रहे हो तुम। महमूद मदनी जैसे जिहादी लोग हैं, जो जिहाद को अच्छा बताते हों और वो अच्छे काम के लिए जिहाद नहीं छेड़ते वो कहते हैं कि जिहाद अच्छा शब्द है। वे लोग बीमार कौम के बीमार मौलाना हैं, छोड़िए उनकी चर्चा मत करिए। यह वह कौम है जो दुनिया को सिलेंडर करने की क्षमता रखती है और महमूद मदनी को मैं बता देना चाहता हूं। इस तरह के बयान बंद करें, नहीं तो लाठी लेकर लाहौर तक दौड़ा कर आएंगे। रामपुर का सांसद को लेकर उन्होंने कहा, "मैंने बताया ना यह मेंटली अपसेट लोग हैं, जिनके बारे में आप बात कर रहे।"

मदनी ने क्या कहा था?

मदनी ने शनिवार को आरोप लगाया था कि बुलडोजर कार्रवाई, पीट-पीटकर हत्या, मुस्लिम वक्फ को कमजोर करने और इस्लामी सुधारों जैसी कार्रवाइयों के माध्यम से देश में एक समूह का वर्चस्व स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि बाबरी मस्जिद के फैसले और कई अन्य फैसलों के बाद यह धारणा बढ़ी है कि अदालतें सरकारी दबाव में काम कर रही हैं। मदनी ने कहा था, “अफसोस के साथ यह कहना होगा कि एक विशेष समूह की वर्चस्व स्थापित करने और अन्य समूहों को कानूनी रूप से असहाय, सामाजिक रूप से अलग-थलग और आर्थिक रूप से अपमानित, बदनाम और वंचित बनाने के लिए संगठित प्रयास किए जा रहे हैं।”

(मुजफ्फरनगर से योगेश त्यागी की रिपोर्ट)

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