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Hindi News उत्तर प्रदेश 'दाह संस्कार में इस्तेमाल करें गाय के गोबर', CM योगी ने दिए निर्देश; जानें क्या है वजह

'दाह संस्कार में इस्तेमाल करें गाय के गोबर', CM योगी ने दिए निर्देश; जानें क्या है वजह

मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि गायों को समय-समय पर घुमाने भी ले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी 17 नगर निगमों एवं नगर पालिकाओं वाले जिला मुख्यालयों पर पशु पकड़ने वाले वाहन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

योगी आदित्यनाथ - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि राज्य के श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार में इस्तेमाल होने वाले कुल ईंधन में 50 प्रतिशत अवारा गाय संरक्षण केंद्र से गाय के उपले का हो। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा कि श्मशान घाटों पर कंडे उपलब्ध कराने से होने वाली आय का उपयोग संबंधित गाय संरक्षण केंद्र के रखरखाव के लिए किया जाएगा।

इलेक्ट्रिक शवदाह गृह को देंगे तरजीह- नागरिक

इस संबंध में पहले दिए गए एक सुझाव को उन लोगों के काफी विरोध का सामना करना पड़ा था, जिन्होंने अपने परिजनों को गाय के गोबर के कंडे में अंतिम संस्कार करने के विचार को स्वीकार नहीं किया था। एक वरिष्ठ नागरिक महेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि हम गाय के गोबर के उपले की जगह इलेक्ट्रिक शवदाह गृह को तरजीह देंगे।

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गायों को समय-समय पर घुमाएं- सीएम योगी

इस बीच, योगी ने आगे कहा कि गौ रक्षा स्थलों पर कार्यवाहकों को तैनात किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मवेशियों की बीमारी या मृत्यु के मामले में केयरटेकर सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि गायों को समय-समय पर घुमाने भी ले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी 17 नगर निगमों एवं नगर पालिकाओं वाले जिला मुख्यालयों पर पशु पकड़ने वाले वाहन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

11.33 लाख से अधिक मवेशियों का संरक्षण- सीएम

योगी ने कहा कि उनकी सरकार पशु कल्याण और संरक्षण के लिए लगातार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में 6719 निराश्रित पशु संरक्षण केंद्रों में 11.33 लाख से अधिक मवेशियों का संरक्षण किया जा रहा है। 20 जनवरी से 31 मार्च तक चलाए गए विशेष अभियान के तहत 1.23 लाख मवेशियों का संरक्षण किया गया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि राज्य के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवारा पशुओं की देखभाल की जाए।