कोलकाताः पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में ज़मानत मिल गई है। अलीपुर की विशेष सीबीआई अदालत ने सीबीआई द्वारा दायर एक मामले में उनकी ज़मानत याचिका मंजूर कर ली है। कोर्ट ने उन्हें 7000 रुपये के निजी मुचलके पर ज़मानत दी है। चटर्जी को कक्षा 9वीं-10वीं के शिक्षक भर्ती घोटाले में ज़मानत मिली है।
जमानत के बावजूद अभी जेल में रहेंगे पार्थ चटर्जी
इससे पहले पार्थ चटर्जी को सीबीआई द्वारा दायर ग्रुप सी भर्ती मामले में भी सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिल गई थी। हालांकि, उस समय उन्हें जेल से रिहा नहीं किया गया था। अब निचली अदालत से मिली ज़मानत के बावजूद, वह अभी भी हिरासत में ही रहेंगे। क्योंकि अन्य केस में जमानत मिलनी अभी बाकी है।
जुलाई, 2022 में गिरफ्तार किए गए थे चटर्जी
बता दें कि 23 जुलाई, 2022 को ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री और टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने बाद में चटर्जी को इसी मामले में गिरफ्तार कर लिया, जबकि इससे जुड़े चार मामलों में उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया था और आठ महीने पहले ही पूरक आरोपपत्र दाखिल किए गए थे।
टीएमसी पार्षद ने कान पकड़कर माफी मांगी
वहीं, पूर्व मेदिनीपुर जिले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक पार्षद ने कान पकड़कर उठक-बैठक करते हुए अपना एक वीडियो पोस्ट किया और स्कूल भर्ती घोटाले में अपनी ही पार्टी के नेताओं की ‘‘मिलीभगत व चुप्पी’’ के लिए लोगों से माफी मांगी। पेशे से वकील और तामलुक नगर पालिका में वार्ड संख्या 10 के पार्षद पार्थसारथी मैती वायरल वीडियो में एक खाली कमरे के कोने में कान पकड़े हुए खड़े दिखाई दे रहे हैं और रुंधी हुई आवाज में कह रहे हैं “हमारे जिले के नेताओं ने रुपये लिए लेकिन बोल नहीं रहे हैं”। मैती को वीडियो में यह कहते हुए सुना गया, “नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु बाबू सिर्फ इसलिए बड़े-बड़े भाषण दे रहे हैं क्योंकि हमारा नेतृत्व चुप है। मैं उनकी तरफ से माफी मांगता हूं।
(भाषा इनपुट के साथ)