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Hindi News पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी के लिए बड़ी टेंशन? फुरफुरा शरीफ के पीरज़ादा अब्बास सिद्दीकी ने लॉन्च की नई पार्टी

ममता बनर्जी के लिए बड़ी टेंशन? फुरफुरा शरीफ के पीरज़ादा अब्बास सिद्दीकी ने लॉन्च की नई पार्टी

पश्चिम बंगाल में होने जा रहे आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं।

Furfura Sharif, Furfura Sharif Maulana, Furfura Sharif Pirzada, Furfura Sharif Abbas Siddiqui- India TV Hindi Image Source : PTI/TWITTER पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में फुरफुरा शरीफ दरगाह के एक प्रभावशाली मौलाना अब्बास सिद्दीकी ने एक नई पार्टी लॉन्च की।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में होने जा रहे आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार को फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने कोलकाता में अपनी नई पार्टी लॉन्च करने का ऐलान किया। अब्बास सिद्दीकी ने अपनी इस नी पार्टी का नाम इंडियन सेक्युलर आउटफिट (ISF) रखा है। बता दें कि अब्बास सिद्दीकी को सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी माना जाता था, और उनका यूं अलग होना तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

‘294 सीटों पर लड़ सकते हैं चुनाव’
मौलाना अब्बास सिद्दीकी ने विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में अपने नए राजनीतिक संगठन ‘इंडियन सेक्युलर फ्रंट’ को लॉन्च करते हुए कहा, ‘हमारी किंगमेकर बनने की इच्छा है। हमारा राजनीतिक संगठन इंडियन सेक्युलर फ्रंट पश्चिम बंगाल विधानसभा की सभी 294 सीटों पर चुनाव लड़ सकता है।’ कोलकाता प्रेस क्लब में अपने राजनीतिक संगठन की शुरूआत के मौके पर सिद्दीकी ने कहा, ‘हमने इस पार्टी का गठन यह सुनिश्चित करने के लिए किया है कि संवैधानिक लोकतंत्र की रक्षा हो, सभी को सामाजिक न्याय मिले और हम सभी सम्मान के साथ रहें। आने वाले दिनों में, हम जनता तक पहुंचने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करेंगे।’

‘तृणमूल की चिंता मेरा काम नहीं है’
जब मौलाना सिद्दीकी पूछा गया कि नया राजनीतिक संगठन बनाने और चुनाव लड़ने से क्या अल्पसंख्यक वोटों का बंटवारा होगा, जिससे तृणमूल कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है, उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी की चुनाव संभावनाओं के बारे में चिंता करना उनका काम नहीं है। तृणमूल कांग्रेस के साथ एक गठबंधन की संभावना के बारे में किए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी के मार्च को रोकने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में सभी को साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी ममता बनर्जी की है।’ बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है।