Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी लगता है पीएम मोदी की राह पर चल पड़ी हैं। दरअसल बंगाल की सीएम ने बंगाल सरकार के मंत्रियों को लालबत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगाने की सलाह दी है। ममता बनर्जी ने बीते गुरुवार को सरकार के सभी मंत्रियों को इस बात का निर्देश दिया कि वे हाइवे को छोड़कर राज्य में अन्य कहीं भी लाल बत्ती लगी पायलट कारों का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के इन निर्देशों के बाद माना जा रहा है कि दीदी सरकार की छवि सुधारने की कोशिश करने की कोशिश में लगी हैं।
टीएमसी सरकार के मंत्रियों के नाम घोटाले में आने के कारण ममता बैकफुट पर
दरअसल, हाल के समय में पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री रहे पार्थ चटर्जी का नाम टीचर भर्ती घोटाले में सामने आने और बीरभूम जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी (Anubrata mondal) जैसे मामलों के कारण ममता सरकार पर विपक्ष को धावा बोलने का मौका मिला है। इस कारण ममता सरकार भी बैकफुट पर है।
मोदी सरकार ने लिया था लाल बत्ती कल्चर खत्म करने का फैसला
साल 2017 में मोदी सरकार ने मंत्रियों की गाड़ी से लाल बत्ती हटाने का फैसला किया था। इसके पीछे मोदी सरकार का मत था कि लाल बत्ती का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस फैसले को लागू करने के लिए तारीख 1 मई रखी गई थी। लाल बत्ती कल्चर खत्म करने के पीछे सरकार का कहना था कि हमारे देश में सब लोग खास हैं। हमारा हर देशवासी महत्वपूर्ण है, इसलिए यह नहीं हो सकता है कि पूरी जनता खड़ी रहे और कोई लाल बत्ती वाला नेता अपनी गाड़ी से सायरन बजाता हुआ निकल जाए। वहीं इसको लेकर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला बताया था। इसका असर तुरंत ही देखने को मिला था और तत्काल ही सारे मंत्रियों ने गाड़ी से लाल बत्ती उतरवा दी थी।
1 मई 2017 से खत्म हो गया लाल बत्ती का VVIP कल्चर
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हर भारतीय VVIP है। तब सरकार ने 1 मई 2017 को VVIP वाहनों की लालबत्ती संस्कृति समाप्त करने का फैसला लिया था। निर्णय के अनुसार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों सहित किसी भी VVIP के वाहन पर एक मई से लालबत्ती नहीं होगी। हालांकि एंबुलेंस और अग्निशमन जैसे आपात परिस्थितियों में काम आने वाले वाहनों में ही लाल बत्ती का इस्तेमाल करने की अनुमति कायम रखी गई।
वर्षों से चल रही थी लाल बत्ती कल्चर पर बहस, मोदी ने ले लिया निर्णय
तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंत्रिमंडल की एक बैठक के बाद कहा था कि एक मई 2017 के बाद कोई भी अपने वाहन के ऊपर लाल बत्ती नहीं लगा सकेगा। केवल आपात परिस्थितियों में इस्तेमाल होने वाले वाहनों में नीली बत्तियां लगाई जा सकेंगी।दरअसल, वाहन के ऊपर लाल बत्ती लगाने का मुद्दा काफी लंबे समय से चर्चा में रहा। कई वर्षों से यह बहस का विषय बना रहा था कि वीवीआईपी कल्चर आखिर क्यों। इस बहस को अपने निर्णय से मोदी सरकार ने खत्म कर दिया। सबसे पहले लाल बत्ती हटाने का काम केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया था। मंत्रिमंडल की बैठक के फौरन बाद उन्होंने अपनी कार से लाल बत्ती हटा ली थी। अब बंगाल में ममता दीदी ने लाल बत्ती पर यह निर्णय लिया है।