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बंगाल में कुछ छूट के साथ कोरोना पाबंदियां 15 जुलाई तक बढ़ायी गयीं

पश्चिम बंगाल सरकार ने कुछ छूट की घोषणा करते हुए कोरोना संबंधी पाबंदियां 15 जुलाई तक के लिए बढ़ा दीं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सार्वजनिक बसों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि सरकारी एवं निजी कार्यालयों के 50 प्रतिशत कर्मियों के साथ खुलने की अनुमति होगी।

West Bengal government extends Covid-19 restrictions till July 15 with some relaxations- India TV Hindi Image Source : PTI पश्चिम बंगाल सरकार ने कुछ छूट की घोषणा करते हुए कोरोना संबंधी पाबंदियां 15 जुलाई तक के लिए बढ़ा दीं।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार ने कुछ छूट की घोषणा करते हुए कोरोना संबंधी पाबंदियां 15 जुलाई तक के लिए बढ़ा दीं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सार्वजनिक बसों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि सरकारी एवं निजी कार्यालयों के 50 प्रतिशत कर्मियों के साथ खुलने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि जिमनेजियम और ब्यूटी पार्लर पूर्वाह्न 11 बजे से शाम छह बजे तक 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चल सकते हैं जबकि शादी जैसे सामाजिक कार्यक्रमों में 50 लोगों को भाग लेने की अनुमति रहेगी। 

ममता बनर्जी ने लोगों से मास्क लगाने एवं एक दूसरे से दूरी रखने की अपील की। सरकार ने सब्जी बाजारों को भी सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक खुलने की छूट दी है। राज्य में 16 मई को लगायी गयी पाबंदियां 30 जून तक बढ़ायी गयी थीं। वहीं, कोलकाता में संदिग्ध कोविड वैक्सीनेशन शिविरों का आयोजन करने वाले फर्जी आईएएस अधिकारी देबांजन देव और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के बीच कथित संबंध का आरोप लगाते हुए वामपंथी दलों द्वारा समर्थित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने साल्ट लेक में स्वास्थ्य भवन पर प्रदर्शन किया। 

माकपा समर्थित डीवाईएफआई और अन्य युवा संगठनों के सदस्यों ने मांग की कि पुलिस मामले की जांच में तेजी लाए। प्रदर्शनकारियों ने सेक्टर पांच स्थित स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय के बाहर ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की हालांकि बाद में पुलिस इन प्रदर्शनकारियों को वाहन में बैठाकर वहां से ले गई। 

अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी हुई क्योंकि मुख्य प्रवेश द्वार पर अवरोधक लगा हुआ था। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों को ऐहतियाती हिरासत में लिया गया है। वामपंथी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने इस मुद्दे को लेकर शहर के मध्य हिस्से में स्थित कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के मुख्यालय के निकट भी प्रदर्शन किया। 

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