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न्यूजीलैंड: सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर था चाकू से हमला करनेवाला शख्स

तीन साल से इस्लामिक स्टेट समूह के प्रभाव में था, उसके पास से चाकू बरामद किया गया था और उसके पास से चरमपंथ से संबंधित वीडियो भी मिले थे।

न्यूजीलैंड: सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर था चाकू से हमला करनेवाला शख्स - India TV Hindi Image Source : AP न्यूजीलैंड: सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर था चाकू से हमला करनेवाला शख्स 

वेलिंगटन:  न्यूजीलैंड के अधिकारियों ने एक व्यक्ति को पकड़ा था और जेल में डाला था। वह व्यक्ति तीन साल से इस्लामिक स्टेट समूह के प्रभाव में था, उसके पास से चाकू बरामद किया गया था और उसके पास से चरमपंथ से संबंधित वीडियो भी मिले थे। अधिकारियों का कहना था कि उसे सलाखों के पीछे रखने के लिए वह अब और कुछ नहीं कर सकते, हालांकि इस बात की प्रबल आशंका है कि वह लोगों पर हमला कर सकता है। 

पुलिस ने जुलाई से करीब 53 दिन तक उस व्यक्ति की हर गतिविधि पर नजर रखी। इस अभियान में करीब 30 अधिकारी शामिल थे। उनकी आशंका तब सही साबित हो गई जब शुक्रवार को उस व्यक्ति ने ऑकलैंड के एक सुपरमार्केट में एक स्टोर से रसोई में काम आने वाला चाकू उठाया और पांच लोगों को घोंप दिया, इसमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। 

न्यूजीलैंड के अधिकारियों ने शनिवार को पुष्टि की कि हमला करने वाला व्यक्ति 32 वर्षीय अहमद आथिल मोहम्मद शम्सुद्दीन है। इस घटना में दो और दुकानदार घायल हुए। अस्पताल में भर्ती तीन मरीजों की शनिवार को भी हालत गंभीर बनी रही, तीन अन्य की हालत स्थिर है। हमले में घायल सातवें व्यक्ति का इलाज उसके घर पर ही चल रहा है।

पुलिस ने बताया कि शम्सुद्दीन पर नजर रख रहे सादे कपड़े पहने अधिकारी तब हरकत में आए जब उन्होंने देखा कि लोग इधर-उधर भाग रहे हैं और चीख चिल्ला रहे हैं। हमले के कुछ ही मिनट में उन्होंने हमलावर को ढेर कर दिया। इस हमले ने न्यूजीलैंड के आतंक निरोधी कानून की खामियों को उजागर कर दिया है और विशेषज्ञों का कहना है कि इन कानूनों का ध्यान दंडित करने वाली कार्रवाई पर है और ये साजिश को अंजाम दिए जाने से पहले ही उनसे निबटने के लिहाज से अपर्याप्त हैं। 

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने कहा कि सांसद कानूनों में खामियों को दूर करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। पुलिस आयुक्त एंड्रयू कोस्टर ने कहा कि अभी जिस कानून के तहत वह काम करते हैं उसमें व्यक्ति द्वारा कोई गतिविधि करना आवश्यक है और इरादे, चिंता आदि किसी के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

शम्सुद्दीन श्रीलंकाई नागरिक था, जो दस साल पहले 22 साल की उम्र में छात्र वीजा पर न्यूजीलैंड आया था। उस पर पुलिस का ध्यान पहली बार 2016 में तब गया जब उसने आतंकवादी हमलों और हिंसक चरमपंथ के समर्थन में फेसबुक पर पोस्ट करना शुरू किया। 2017 में उसे गिरफ्तार किया गया, अधिकारियों के मुताबिक तब वह इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए सीरिया जाने का प्रयास कर रहा था।

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