लाइव स्ट्रीम पर टॉर्चर सहता रहा इन्फ्लुएंसर, 10 दिन के चैलेंज ने ले ली जान, कैमरे के सामने हुई मौत
जीन पोर्मानोव इससे पहले भी खतरनाक स्ट्रीमिंग करते रहते थे, जिनमें उन पर टॉर्चर किया जाता था। ऐसी ही एक खतरनाक स्ट्रीमिंग के दौरान पोर्मानोव की मौत हो गई।

फ्रेंच इन्फ्लुएंसर जीन पोर्मानोव की मौत ने लाइव स्ट्रीमिंग से जुड़े नियमों में बदलाव को लेकर नई बहस शुरू कर दी है। पोर्मानोव अक्सर कैमरे के सामने खतरनाक स्ट्रीमिंग करते थे, जिनमें वह खुद पर ही ज्यादती करते नजर आते हैं। अधिकतर स्ट्रीमिंग में उनके साथ अमानवीय व्यवहार होता था। ऐसी ही एक स्ट्रीमिंग के दौरान उनकी मौत हो गई। 46 साल के जीन 10 दिन और 10 रात लंबी एक स्ट्रीम कर रहे थे, जिसमें उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा था।
जीन पोर्मानोव का असली नाम राफेल ग्रेवेन था। वह खतरनाक स्ट्रीमिंग करने के लिए काफी लोकप्रिय थे। 18 अगस्त की सुबह ऐसी ही एक स्ट्रीमिंग के दौरान कैमरे के सामने उनकी मौत हो गई। वह फ्रांस के कोंटस में अपने किराए के घर से स्ट्रीमिंग कर रहे थे। इसी दौरान उनकी मौत हो गई। उनके करियर की आखिरी स्ट्रीमिंग का अंत उनकी मौत के साथ हुआ।
खतरनाक स्ट्रीमिंग कल्चर पर उठ रहे सवाल
इस घटना के बाद से फैंस और जिम्मेदार अधिकारी फ्रांस के खतरनाक स्ट्रीमिंग कल्चर पर सवाल खड़े कर रहे हैं। ऐसे स्ट्रीमिंग में जीन के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था। जीन ने टॉर्चर के 10 दिन और 10 रात का चैलेंज लिया था। इस दौरान वह लगातार 300 घंटे तक स्ट्रीमिंग करते रहे। फ्रेंच मीडिया के अनुसार इस दौरान जीन के साथ बहुत ज्यादा शारीरिक हिंसा की गई। उन्हें सोने नहीं दिया गया और उन्हें जहरीले पदार्थ भी खिलाए गए।
खतरनाक स्ट्रीमिंग कर बनाई थी पहचान
जीन ने खतरनाक स्ट्रीमिंग के जरिए ही फ्रांस में फैंस के बीच अपनी पहचान बनाई थी। उनके पुराने स्ट्रीम में भी अक्सर उन्हें थप्पड़ मारे जाते थे। उन पर थूका जाता था। उनका गला दबाया जाता था और उन पर सामान फेंका जाता था। अक्सर इन चीजों को एक चुनौती के रूप में पेश किया जाता था। इसके साथ ही दर्शकों के मनोरंजन के लिए भी ऐसा किया जाता था।
जीन के साथ होती थी मारपीट
फ्रांस के एक अखबार के अनुसार जीन पहले एक सैनिक रह चुके थे। हालांकि, स्ट्रीमिंग में उनके दो साथी अक्सर उनके साथ अमानवीय व्यवहार करते थे। नारुतो और सैफीन उन पर सामान फेंकते देखे जा सकते हैं। कई मौकों पर उन्हें रस्सी से बांधकर उनके मुंह में खाना भी ठूसा जाता था और पेंटबॉल गन से उन पर गोली भी मारी जाती थी। जनवरी 2025 में नारुतो और सैफीन को कमजोर लोगों के खिलाफ हिंसा के लिए गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि, बाद में दोनों रिहा हो गए थे।
मां से बयां किया था दर्द
जीन ने कुछ दिन पहले ही मां से बात करते हुए अपना दर्द बयां किया था। उन्होंने कहा था कि कई बार उन्हें ऐसा महसूस होता है कि वह बंधक बना लिए गए हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया था कि वह स्ट्रीमिंग से थक चुके हैं। जीन लगभग चार साल से ऐसे खतरनाक स्ट्रीमिंग कर रहे थे। इसी के जरिए उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोकप्रियता हासिल की थी। खासकर किक नाम के प्लेटफॉर्म में उनके लाखों फॉलोअर्स थे।
18 अगस्त को हुई मौत
18 अगस्त के दिन जीन और उनके साथ एक गद्दे पर सोए हुए थे। जब अन्य साथियों की नींद खुली तो उन्होंने जीन को भी उठाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। ऐसे में स्ट्रीमिंग बंद कर दी गई। बाद में जीन के साथी नारुटो ने बताया कि जीन की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने स्ट्रीमिंग के आखिरी के मिनट किसी से शेयर न करने की अपील की। जीन की मौत के बाद स्ट्रीमिंग से जुड़े सख्त नियमों की मांग तेज हो गई है। स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म किक पर भी गाइडलाइन नहीं फॉलो करने के आरोप लगे हैं। किक के अधिकारियों का कहना है कि उनका प्लेटफॉर्म पहले से ही आत्म-क्षति, अत्यधिक हिंसा या किसी भी अवैध सामग्री को प्रतिबंधित करता है। हालांकि, आलोचकों का तर्क है कि इन नियमों को सही तरीके से लागू नहीं किया गया था।