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पृथ्वी से आज टकरा सकता है शक्तिशाली सौर तूफान, कितनी तबाही ला सकता है-जानें डिटेल्स

नासा ने चेतावनी दी है और कहा है कि शुक्रवार, 30 नवंबर को शक्तिशाली सौर तूफान पृथ्वी से टकरा सकता है जिसकी वजह से इंटरनेट, रेडियो और जीपीएस सिग्नल को बाधित हो सकता है। जानिए और क्या तबाही ला सकता है सौर तूफान-

solar storms- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO पृथ्वी से टकरा सकता है सौर तूफान

अमेरिका स्थित एजेंसी NOAA द्वारा विकसित पूर्वानुमान मॉडल के अनुसार, शुक्रवार (1 दिसंबर) को शक्तिशाली सौर तूफान के पृथ्वी से टकराने की उम्मीद है। अंतरिक्ष मौसम भौतिक विज्ञानी तमिथा स्कोव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के कारण, भू-चुंबकीय तरंगें उत्पन्न होंगी जो रेडियो, जीपीएस और उपग्रह संचार को प्रभावित कर सकती हैं। एनओएए ने आधिकारिक तौर पर तूफानों को जी2 (मध्यम तीव्रता वाले) के रूप में वर्गीकृत किया है, लेकिन वैज्ञानिक  स्कोव ने कहा कि ये तरंगे जी3 श्रेणी के तूफानों जितनी शक्तिशाली हो सकती हैं। एनओएए के अनुसार, 27 नवंबर को हुई सीएमई द्वारा सौर तूफान का अलर्ट जारी किया गया था।

इससे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी सौर तूफान को लेकर आगाह किया था और कहा था कि रविवार को संभव है सूर्य का प्लाजमा धरती की तरफ तेजी से आगे बढ़ेगा। एजेंसी ने बताया कि सूर्य में कई तरह की गतिविधियां देखी गई है जिसकी वजह से बड़ी मात्रा में गर्म प्लाजमा निकलते हुए देखा जा सकता है।

क्या होता है कोरोनल मास इजेक्शन?

सूर्य में हर वक्त लाखों विस्फोट होते रहते हैं और ये विस्फोट उसके मैग्‍नेटिक फील्‍ड के खिसकने की वजह से होते है। सूर्य में जब विस्फोट हो रहा होता है तब सूर्य पर मौजूद गर्म प्लाजमा पूरे अंतरिक्ष में फैल जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक कई बार ये प्लाज्मा धरती की ओर भी आने लगते हैं इस पूरी प्रक्रिया को कोरोनल मास इजेक्शन कहते हैं।

इससे क्या हो सकते हैं खतरे?

पृथ्वी पर इसके ढेरों खतरे हैं. जब कोरोनल मास इजेक्शन धरती की तरफ आता है तो इससे संचार माध्यमों को सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है. क्योंकि सीएमई में ढेरों तरीके के एक्स-रे और रेडियेशन पार्टिकल्स शामिल होते हैं। एक्स-रे और रेडियेशन पार्टिकल्स की वजह से पृथ्वी पर नेटवर्क टावर और शार्ट वेब रेडियो के संचार में बाधा आ सकती है।. 

सौर ज्वालाएं तब उत्पन्न होती हैं जब सूर्य की सतह पर प्लाज़्मा के बड़े लूप एक इलास्टिक बैंड की तरह चिपक जाते हैं, जिससे विद्युत चुम्बकीय कण अंतरिक्ष में चले जाते हैं। राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) के अनुसार, आने वाले सौर तूफान के गुरुवार रात को पृथ्वी से टकराने और शुक्रवार, 1 दिसंबर की सुबह तक समाप्त होने की उम्मीद है।

कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) सूर्य से फेंके गए आवेशित कणों के विशाल बादल हैं। ये कण पृथ्वी के तकनीकी बुनियादी ढांचे पर कहर बरपा सकते हैं, उपग्रह संचार और रेडियो संकेतों को बाधित कर सकते हैं। हालांकि आगामी सौर तूफान अपेक्षाकृत हल्का होने की उम्मीद है, फिर भी यह उच्च-अक्षांश संचार प्रणालियों में मामूली व्यवधान पैदा कर सकता है। संभावित खतरों के बावजूद, सौर तूफान आम तौर पर मानव स्वास्थ्य के लिए कोई सीधा खतरा नहीं पैदा करते हैं। हालांकि, अत्यधिक शक्तिशाली सौर ज्वालाएं हानिकारक विकिरण उत्सर्जित कर सकती हैं जो जीवित जीवों को प्रभावित करने में सक्षम हैं। सौभाग्य से, पृथ्वी का सुरक्षात्मक वातावरण हमें इस विकिरण के प्रभाव से बचाता है, और मनुष्यों पर इसके प्रभाव को कम करता है।

 

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