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पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमला, कई घरों में लगाई आग

पाकिस्तान में हाल ही में गणेश मंदिर को तहस नहस करने की गंभीर घटना के बाद अब बांग्लादेश में कट्टरपंथी मुस्लिमों ने मंदिरों को निशाना बनाया है। यहां के खुलना जिले में धार्मिक कट्टरपंथियों के समूह ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के कम से कम चार मंदिरों, कुछ दुकानों और घरों पर हमला किया।

After Pakistan, Hindu Temples, Shops, Households Attacked In Bangladesh- India TV Hindi Image Source : DHAKA TRIBUNE पाकिस्तान में हाल ही में गणेश मंदिर को तहस नहस करने की घटना के बाद अब बांग्लादेश में मंदिरों को निशाना बनाया है।

ढाका: पाकिस्तान में हाल ही में गणेश मंदिर को तहस नहस करने की गंभीर घटना के बाद अब बांग्लादेश में कट्टरपंथी मुस्लिमों ने मंदिरों को निशाना बनाया है। यहां के खुलना जिले में धार्मिक कट्टरपंथियों के समूह ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के कम से कम चार मंदिरों, कुछ दुकानों और घरों पर हमला किया। यही नहीं कट्टरपंथियों की भीड़ के रास्ते में जो भी हिंदुओं के घर और दुकान दिखे, उनमें लूटपाट की गई। इसकी वजह से अधिकारियों को कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने में मदद के लिए अपराध रोधी रैपिड ऐक्शन बटालियन (आरएबी) को बुलाना पड़ा। 

खुलना जिले के पुलिस प्रमुख महबूब हुसैन ने पत्रकारों को बताया कि अबतक तोड़फोड़ के मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि भारत की सीमा के करीब रूपशा उप जिला के शियाली गांव में हालात पर नजर रखने में पुलिस की मदद के लिए आरएबी के कर्मियों को तैनात किया गया है। कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि दोनों धर्मों के लोगों में विवाद होने के बाद धार्मिक कट्टरपंथियों के समूह ने शनिवार शाम को चार हिंदू मंदिरों में रखी प्रतिमाओं में तोड़फोड़ की और हिंदू समुदाय की दुकानों को नुकसान पहुंचाया।

उन्होंने बताया कि विवाद तब शुरू हुआ जब हिंदू कोविड-19 से बचाव के लिए भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए कीर्तन करते हुए जुलूस निकाल रहे थे और मस्जिद के पास से ईशा की नमाज के वक्त गुजर रही थी। ढाका ट्रिब्यून ने पीड़ितों के हवाले से बताया कि उपद्रवियों ने सबसे पहले शियाली महाश्मशान मंदिर पर हमला किया। उन्होंने श्मशान और मंदिर में मूर्तियों को क्षति पहुंचाई। खबर के अनुसार, वहां से उपद्रवी शियाली पुरबापाड़ा इलाके में गए, जहां उन्होंने हरि मंदिर, दुर्गा मंदिर और गोविंदा मंदिर में स्थापित मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। 

इसमें कहा गया है कि स्थानीय हिंदू समुदाय के लोगों की छह दुकानों और दो घरों में भी तोड़फोड़ की गई। रूपशा उपजिला पूजा उद्यापन परिषद के महासचिव कृष्ण गोपाल सेन ने कहा कि हमलों के दौरान चार मंदिरों में कम से कम 10 मूर्तियों को तोड़ा गया। सत्तारूढ़ अवामी लीग के सांसद सलाम मुर्शीद ने पत्रकारों से कहा कि इलाके में शांति बहाल करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने अभी-अभी इलाके छह गांवों के अंतर धर्म सौहार्द समितियों की बैठक संपन्न की है। सभी ने शांति और सौहार्द कायम करने का वादा किया है।’’ 

मुर्शीद की पृष्ठभूमि उद्योगपति और कारोबारी की है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत खर्चे पर मैंने क्षतिग्रस्त प्रतिमाओं और दुकानों को दोबारा बनाने की प्रतिबद्धता जताई है जबकि जिला प्रशासन ने इससे पहले सरकार की ओर से मंदिर और दुकानों की मरम्मत की बात कही थी। रूपशा की मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रुबिया तसनीम ने कहा,‘‘हम उन लोगों को न्यायोचित मुआवजा देंगे जो प्रभावित हुए हैं। मंदिर की तत्काल मरम्म्त की जाएगी।’’ 

इस बीच, बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद की प्रधान सदस्य काजोल देबनाथ ने घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया। उन्होंने कहा कि समय पर अगर स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने हस्तक्षेप किया होता तो इसे टाला जा सकता था। परिषद का प्रतिनिधिमंडल और सामाजिक नेताओं के साथ-साथ हिंदू नेता घटना स्थल पर गए तब स्थानीय लोग दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे। रूपशा उप जिला पूजा समारोह परिषद के अध्यक्ष शक्तिपदा बासु ने मामले में 25 लोगों के खिलाफ नामजद और करीब 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।

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