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नागोर्नो-करबाख संघर्ष: आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच एक बार फिर संघर्ष विराम की घोषणा, रूस ने की मध्यस्थता

आर्मेनिया और अजरबैजान ने नागोर्नो-करबाख के विवादित क्षेत्र पर लड़ाई के लिए संघर्ष विराम की घोषणा की है। इस लड़ाइ्र में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है।

<p>azerbaijan and armenia war</p>- India TV Hindi Image Source : PTI azerbaijan and armenia war

आर्मेनिया और अजरबैजान ने नागोर्नो-करबाख के विवादित क्षेत्र पर लड़ाई के लिए संघर्ष विराम की घोषणा की है। इस लड़ाइ्र में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। रविवार मध्यरात्रि से प्रभावी यह संघर्ष विराम आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच संघर्ष विराम स्थापित करने का दूसरा प्रयास होगा। अर्मेनियाई विदेश मंत्री ज़ोहराब म्नात्सक्यानन और उनके अज़रबैजान समकक्ष जेहुन बेयारमोव ने तीन सप्ताह की अवधि में दोनों पक्षों को घातक झड़पों के कारण यह घोषणा की। शांति का दूसरा प्रयास करने का निर्णय रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के परामर्श से किया गया था। जिन्होंने दोनों देशों से 'मॉस्को डील’ का पालन करने को कहा था।

27 सितंबर को दोनों पक्षों के बीच लड़ाई भड़कने के बाद से रूस ने आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच यह संघर्ष विराम का दूसरा प्रयास है। पिछले कुछ दिनों से अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच संघर्ष काफी उग्र होता जा रहा है। लगातार रिहायशी इलाकों पर गिरती मिसाइलें लोगों की जान ले रही है। दोनों के बीच जारी संघर्ष में रिहायशी इमारतों को निशाना बनाया जा रहा है।

आर्मेनिया और अजरबैजान ने नागोर्नो-काराबाख को लेकर जारी तनाव के बीच एक बार फिर आधी रात से संघर्षविराम समझौता लागू करने की कोशिश की। इससे एक सप्ताह पहले भी रूस की मध्यस्थता से दोनों के बीच संघर्ष विराम को लेकर समझौता हुआ था, लेकिन इसके लागू होने के कुछ ही देर बाद इसका उल्लंघन हो गया था और दोनों पक्षों ने इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया था।

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ फोन पर बातचीत के बाद आर्मेनिया और अजरबैजान के विदेश मंत्रियों ने नए समझौते की घोषणा की। लावरोव ने दोनों देशों से मॉस्को समझौते का पालन करने की अपील की। नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र अजरबैजान के क्षेत्र में आता है, लेकिन इस पर 1994 से आर्मेनिया समर्थित आर्मेनियाई जातीय समूहों का नियंत्रण है।

नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर अजरबैजान और आर्मीनियाई बलों के बीच 27 सितंबर को संघर्ष शुरू हुआ था, जिसमें सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 25 वर्षों के दौरान दोनों देशों के बीच इतने बड़े पैमाने पर छिड़ी यह पहली लड़ाई है।

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