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ब्रिक्स समिट से पहले PM मोदी को चीन की सलाह, पाक के खिलाफ आतंकवाद का मुद्दा न उठाएं

बीते साल भारत में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में चीन ने भारत द्वारा ब्रिक्स घोषणा में आतंकवादी समूह की सूची में जेईएम व लश्कर-ए-तैयबा के नाम शामिल करने के प्रयास का समर्थन नहीं किया था।

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बीजिंग: चीन ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत की चिंताओं पर अगले सप्ताह होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चर्चा नहीं होगी। पहले के कई अवसरों की तरह चीन ने अपने प्रगाढ़ मित्र पाकिस्तान का बचाव किया और उसके आतंकवाद से लड़ने के प्रयासों की प्रशंसा की। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के विरुद्ध प्रयासों में सबसे आगे है और उसने इसके लिए बलिदान दिया है।

हुआ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान द्वारा किए गए योगदान व बलिदान को मान्यता देनी चाहिए।" उन्होंने कहा, "हमने पाया है कि जब पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी होने की बात आती है तो भारत की कुछ चिंताएं हैं। मैं नहीं सोचती कि यह ऐसा मुद्दा है जिस पर ब्रिक्स में चर्चा की जानी चाहिए।" इस तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में पांच सदस्य देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका) भाग लेंगे। यह शिखर सम्मेलन चीन के शहर शियामेन में रविवार से शुरू होगा।

उन्होंने कहा, "चीन आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ाने के लिए पाकिस्तान व दूसरे देशों के साथ काम करने का इच्छुक है। यह सभी पक्षों के आम हितों को पूरा करता है।" पाकिस्तान से पैदा होने वाला आतंकवाद भारत व चीन के बीच एक विवादास्पद मुद्दा है। चीन दो बार संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयास को रोक चुका है।

बीते साल भारत में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में चीन ने भारत द्वारा ब्रिक्स घोषणा में आतंकवादी समूह की सूची में जेईएम व लश्कर-ए-तैयबा के नाम शामिल करने के प्रयास का समर्थन नहीं किया था।

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