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Hindi News विदेश एशिया कोरोना वायरस पर चीन ने बहुत देर से जानकारी दी: अंदरूनी दस्तावेज में खुलासा

कोरोना वायरस पर चीन ने बहुत देर से जानकारी दी: अंदरूनी दस्तावेज में खुलासा

चीन की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी ने 14 जनवरी को प्रांतीय अधिकारियों को बता दिया था कि नये कोरोना वायरस की वजह से वे महामारी जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने छह दिनों तक लोगों को सतर्क नहीं किया।

China gives late information on Coronavirus: Internal documents- India TV Hindi Image Source : AP China gives late information on Coronavirus: Internal documents

बीजिंग: चीन की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी ने 14 जनवरी को प्रांतीय अधिकारियों को बता दिया था कि नये कोरोना वायरस की वजह से वे महामारी जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने छह दिनों तक लोगों को सतर्क नहीं किया। एसोसिएटेड प्रेस को मिले आंतरिक दस्तावेजों में बताया गया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने गुप्त रूप से महामारी से निपटने की तैयारियों के आदेश दिए जबकि राष्ट्रीय टेलीविजन पर उन्होंने महामारी के फैलने को तवज्जो नहीं दी। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सातवें दिन 20 जनवरी को लोगों को आगाह किया। पूर्व प्रभावी संक्रमण आंकड़ों के मुताबिक तब तक करीब एक हफ्ते की चुप्पी के कारण तीन हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके थे। 

आंतरिक दस्तावेजों के मुताबिक चीन के रोग नियंत्रण केंद्र ने स्थानीय अधिकारियों से प्राप्त किसी मामले को रजिस्टर नहीं किया, इसकी पुष्टि एपी को प्राप्त आंतरिक बुलेटिन से होती है। पांच जनवरी से 17 जनवरी के दौरान अस्पतालों में सैकड़ों रोगी भर्ती हो रहे थे जो न केवल वुहान में बल्कि पूरे देश में ऐसा हो रहा था। वुहान में डॉक्टरों एवं नर्सों ने कहा कि इस तरह के कई संकेत हैं कि दिसम्बर के अंत तक कोरोना वायरस लोगों के बीच फैलेगा। लेकिन अधिकारियों ने इस तरह के मामले बताने वाले मेडिकल कार्यकर्ताओं की आवाज दबा दी। सूचना को ऊपर भेजने से पहले निरीक्षकों को कर्मचारियों द्वारा रिपोर्ट देना जरूरी था। और बीमारी के बारे में चेतावनी देने वाले डॉक्टरों को उन्होंने दंडित किया। चेतावनी को दबाए जाने से शीर्ष के नेता अंधेरे में रहे। 

चीन के बाहर संक्रमण का पहला मामला 13 जनवरी को थाईलैंड में आया जिससे बीजिंग में नेतृत्व को महामारी की संभावना का आभास हुआ। चीन के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी मा शियावेई ने कहा कि वायरस के विदेशों में फैलने की संभावना से स्थिति ‘‘काफी बदली।’’ मा द्वारा 14 जनवरी को की गयी गुप्त टेलीकांफ्रेंस से पता चलता है कि चीन के अधिकारी काफी चिंतित थे और जनता को जो जानकारी दी उससे कहीं अधिक भवायह स्थिति का आकलन कर रहे थे। 

कुछ हफ्ते तक अधिकारी यही दोहराते रहे कि ‘‘मानव से मानव में संचरण का कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं है’’ और बीमारी को ‘‘रोकने योग्य एवं नियंत्रण योग्य’’ बताया। लेकिन टेलीकांफ्रेंसिंग में मा ने कहा कि ‘‘क्लस्टर मामलों से पता चलता है कि मानव से मानव में संचरण संभव है।’’ टेलीकांफ्रेंसिंग के बाद अधिकारियों ने अपनी भाषा थोड़ी बदली लेकिन खतरे को तवज्जो नहीं दी। टेलीकांफ्रेंसिंग से पहले स्वास्थ्य अधिकारियों का ध्यान वुहान पर कम था जहां से यह वायरस फैला।

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