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चीन की एक और धोखेबाजी, 'मित्र देशों' को खराब हथियारों की आपूर्ति

चीन अपने मित्र देशों को खराब और दोषपूर्ण हथियारों की सप्लाई कर एक बार फिर विवादों में घिर गया है।

Army- India TV Hindi Image Source : PTI चीन अपने मित्र देशों को खराब और दोषपूर्ण हथियारों की सप्लाई कर रहा है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: चीन अपने मित्र देशों को खराब और दोषपूर्ण हथियारों की सप्लाई कर एक बार फिर विवादों में घिर गया है। चीन दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा हथियार एक्सपोर्ट करनेवाला देश है। उसने अपने मित्र देशों को जो हथियार सप्लाई किया है उनमें अधिकांश खराब और डिफेक्टिव निकले। आइये एक नजर डालते हैं चीन की इस करतूत पर कि उसने किन देशों को दोषपूर्ण हथियार बेचा।

बांग्लादेश
चीन ने 2017 में बांग्लादेश को 1970 की मिंग श्रेणी की 035G पनडुब्बियां दी। इन पनडुब्बियों के बदले चीन ने बांग्लादेश से 100 मिलियन डॉलर हासिल किया। इन पनडुब्बियों को केवल ट्रेनिंग में ही इस्तेमाल किया जाता था। बांग्लादेश को जब ये पनडुब्बियां मिलीं तो इनकी हालत बेहद खराब थी और ये अपनी उपयोगिता खो बैठे थे। ये पनडुब्बियां सर्विसिंग के लायक भी नहीं थी। जबकि अप्रैल 2003 में मिंग क्लास की पनडुब्बी बड़े हादसे का शिकार हो गई थी। येलो सागर में यांत्रिक विफलता के चलते इस पनडुब्बी में सवार सभी 70 चालक दल के लोग मारे गए थे।

ठीक इसी तरह हाल ही बांग्लादेश ने चीन से दो युद्धपोत लिया (BNS उमर फारूक और BNS अबू उबैदाह)। दोनों युद्धपोत कई तरह की खराबी का सामना करते हुए 2020 में बांग्लादेश पहुंचे। इस युद्धपोत के नैविगेशन रडार और गन सिस्टम में खराबी है। अब जानकारी मिली है कि चीन युद्धपोत की इन खराबियों को दूर करने के लिए अतिरिक्त पैसे मांग रहा है।

नेपाल
पहले से ही बांग्लादेश द्वारा खारिज किए गए छह चीन निर्मित Y12e और MA60 विमानों को नेपाल ने अपने नेशनल एयरलाइन्स के लिए खरीद लिया था। लेकिन ये विमान नेपाल में पहुंचते ही बेकार हो गए। वहीं ये विमान नेपाल के लिए अनुकूल भी नहीं हैं और इनके स्पेयर पार्ट्स भी उपलब्ध नहीं हैं। नेपाल ने जब रिप्लेस का अनुरोध किया तो चीन ने साफ इनकार कर दिया।

पाकिस्तान
उधर पाकिस्तान को भी चीन से गहरी दोस्ती का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। चीन ने पाकिस्तान को भी दोस्ती की आड़ में खराब सैन्य सामानों की आपूर्ति की है। पाकिस्तान के लिए चीन ने जो युद्धपोत F22P दिया वह भी तमाम तरह की तकनीकी खराबियों से भरा है। सितंबर 2018 में पाकिस्तान ने इस युद्धपोत की पूरी सर्विसिंग का प्रस्ताव चीन को दिया था लेकिन चीन को इसमें किसी तरह का लाभ नजर नहीं आया और पाकिस्तान के प्रस्ताव पर आंख मूंद लिया। लिहाजा पाकिस्तान को तुर्की की तरफ रूख करना पड़ा। ठीक इसी तरह पाकिस्तान सेना ने चीन से LY-80 LOMADS के नौ सिस्टम खरीदे। पाक सेना ने IBIS-150 रडार के साथ AD सिस्टम की आपूर्ति के लिए दो अलग-अलग अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए थे। चीन की तरफ से सभी नौ सिस्टम पाकिस्तान को 2019 में उपलब्ध करा दिया गया। लेकिन 9 में से तीन सिस्टम खराब हैं। अब पाकितस्तान एक बार फिर चीन से गुहार लगा रहा है कि इसे प्राथमिकता के आधार पर ठीक किया जाए। 

केन्या
केन्या ने जब सैनिकों के लिए बख्तरबंद गाड़ियां खरीदी तो टेस्ट के दौरान चीन के सेल्स रिप्रेजेंटेटिव ने इन गाड़ियों में ही बैठने से मना कर दिया था। केन्या को इन गाड़ियों की सख्त जरूरत थी। बाद में खामियों से भरे इन बख्तरबंद गाड़ियों में केन्या के कई सैनिकों की जान चली गई। ठीक इसी तरह अल्जीरिया और जॉर्डन को भी चीन के खराब सैन्य उपरकरणों का खामियाजा भुगतना पड़ा है।

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