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Hindi News विदेश एशिया 'सिंह' की दहाड़ से थर्राया 'ड्रैगन', बौखलाहट में चीन ने दी 'युद्ध' की धमकी!

'सिंह' की दहाड़ से थर्राया 'ड्रैगन', बौखलाहट में चीन ने दी 'युद्ध' की धमकी!

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में खड़े होकर चीन को जो कड़ा संदेश दिया, उसका असर यह हुआ कि चीन की बौखलाहट साफ नजर आने लगी है।

<p>'सिंह' की दहाड़ से...- India TV Hindi Image Source : AP 'सिंह' की दहाड़ से थर्राया 'ड्रैगन', बौखलाहट में चीन ने दी 'युद्ध' की धमकी!

बीजिंग/नई दिल्ली: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में खड़े होकर चीन को जो कड़ा संदेश दिया, उसका असर यह हुआ कि चीन की बौखलाहट साफ नजर आने लगी है। चीन का सरकारी अखबार "ग्लोबल टाइम्स" है, जिसे वहां की सरकार का मुखपत्र माना जाता है और उसमें छपी बातों को सरकार की बात माना जाता है। अब "ग्लोबल टाइम्स" में हैडिंग दी गई है- "चीन शांति और युद्ध के लिए तैयार है"।

"ग्लोबल टाइम्स" का यह ओपीनियन पोस्ट वहां के एडिटर-इन-चीफ ने लिखा है। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा मंगलवार को संसद में कही गई बातों का जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि 'रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-चीन विवाद को लेकर शांति की बात पर जोर देते हुए भारतीय सेना की बहादुरी की बखान किया। उनके संबोधन का बाद वाला हिस्सा मुख्य अंश था।'

Image Source : Global Times'युद्ध' की धमकी!

लेख में लिखा गया कि 'इन दिनों बॉर्डर पर भारतीय सेना की मोवमेंट कम हुई है, जो राजनाथ सिंह के बयान से मेल खाती है। यह चीन की PLA के मजबूत दबाव का परिणाम है।' हालांकि, आपको बता दें कि यह सिर्फ चीन की बौखलाहट है, जिसमें आकर वहां की सरकार अपनी मीडिया के जरिए प्रोपगेंडा फैलाना चाह रही है और ऐसे लेख लिखवा रही है।

इस लेख के अंत में लिखा गया, "चीन को भारत-चीन सीमा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रयास करते रहना चाहिए, लेकिन अपनी सेना को तैयार रखना चाहिए। मजबूत सैन्य दबाव के बिना, भारत सीमा मुद्दों पर व्यवहार नहीं करेगा।" सेना की ऐसी धमकी चीन पहले भी कई बार देता रहा है। जब भी भारत की ओर से चीन पर दबाव बढ़ाया जाता है, तब वह ऐसे ही बयानबाजी करता है।

Image Source : Global Timesपूरा लेख

गौरतलब हो कि मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "मैं चीन के रक्षामंत्री से मिला और 4 सितंबर को मुलाकात की गई और उस मुलाकात में साफ किया गया कि हम मुद्दे का शांति से हल चाहते हैं और यह भी चाहते हैं कि चीन इसमें सहयोग करे लेकिन हमने यह भी साफ कर दिया कि भारत की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं होगा।"

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