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झूला झूलने के बाद अब नाव की सवारी, दुनिया देख रही है मोदी-जिनपिंग की यारी

पीएम मोदी के सुर में सुर मिलाते हुए जिनपिंग ने भी माना कि चीन और भारत दुनिया के लिए ग्रोथ इंजन हैं क्योंकि यहां दुनिया की 40 फीसदी आबादी बसती है। मोदी ने भी बताया कि भारत और चीन के साथ होने का क्या मतलब है और दुनिया पर इसका क्या असर पड़ सकता है। मोदी ने ये समझाने की भी कोशिश की कि दोनो देशों में शांति जरूरी है, दोस्ती जरूरी है। इससे ना सिर्फ दोनो देशों का भला होगा बल्कि पूरी दुनिया बदल जाएगी।

Day 2 of PM Modi-Xi Jinping informal meet- India TV Hindi झूला झूलने के बाद अब नाव की सवारी, दुनिया देख रही है मोदी-जिनपिंग की यारी  

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे का आज दूसरा और आखिरी दिन है। हालांकि दोनों नेताओं के बीच हो रही इस मीटिंग को इनफॉर्मल समिट का नाम दिया गया है लेकिन इस दौरान मोदी और जिनपिंग में गजब की गर्मजोशी देखने को मिल रही है। जिनपिंग ने कल प्रोटोकॉल तोड़कर मोदी का स्वागत किया, जहां-जहां मोदी गए जिनपिंग उनके साथ थे। आज जिनपिंग और मोदी ने ईस्ट लेक के किनारे सैर किया जिसके बाद दोनों नेता इसी झील में बोट राइडिंग भी करेंगे। इससे पहले कल मोदी के सम्मान में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जहां चीनी कलाकारों ने हिंदी फिल्मों के गाने बजाए।

पीएम मोदी के सुर में सुर मिलाते हुए जिनपिंग ने भी माना कि चीन और भारत दुनिया के लिए ग्रोथ इंजन हैं क्योंकि यहां दुनिया की 40 फीसदी आबादी बसती है। मोदी ने भी बताया कि भारत और चीन के साथ होने का क्या मतलब है और दुनिया पर इसका क्या असर पड़ सकता है। मोदी ने ये समझाने की भी कोशिश की कि दोनो देशों में शांति जरूरी है, दोस्ती जरूरी है। इससे ना सिर्फ दोनो देशों का भला होगा बल्कि पूरी दुनिया बदल जाएगी।

बता दें कि दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक मुलाकात 2014 में शुरू हुई थी जब मोदी ने गुजरात में शी जिनपिंग की मेजबानी की थी। मोदी ने साबरमती किनारे झूले पर बैठकर जिस दोस्ती और रिश्ते की शुरुआत की थी उसके आगे का नजारा अब चीन में देखने को मिल रहा है जो दुनिया को एक नई दिशा दे सकता है।

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