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Hindi News विदेश एशिया ट्रंप के इस बड़े फैसले को रूस ने बताया अफसोसजनक, इस्राइल ने की तारीफ

ट्रंप के इस बड़े फैसले को रूस ने बताया अफसोसजनक, इस्राइल ने की तारीफ

रूस के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बड़े फैसले को अफसोसजनक कहा है, जबकि इस्राइल ने ट्रंप की जमकर तारीफ की है...

Representational Image | AP Photo- India TV Hindi Representational Image | AP Photo

मॉस्को/जेरूशलम: रूस के विदेश मंत्रालय ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते को प्रमाणित न करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को अफसोसजनक कहा है। रूस का कहना है कि ईरान इस समझौते का कड़ाई से पालन कर रहा है। ट्रंप ने ईरान पर परमाणु समझौते का कई बार उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूसी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में आक्रामक और धमकीपूर्ण बयानबाजी अस्वीकार्य है। वहीं, इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप के इस फैसले पर उनकी तारीफ की है।

रूसी विदेश मंत्रालय बयान के मुताबिक, अन्य देशों के बुनियादी सुरक्षा हितों को प्रभावित करने वाली विदेश नीति से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने के लिए उठाए गए ऐसे कदम कभी सफल नहीं हो सकते। बयान में कहा गया, ‘ईरान परमाणु समझौते का कड़ाई से पालन कर रहा है, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी जिसकी नियमित तौर पर पुष्टि करता रहा है।’ रूसी मंत्रालय के अनुसार, बहुपक्षीय JCPOA पहले से ही अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता को मजबूत करने में योगदान देता रहा है। मंत्रालय ने कहा कि रूस JCPOA के प्रति प्रतिबद्ध है और इसके तहत अपने दायित्वों को पूरा करता रहेगा। रूसी मंत्रालय ने अन्य JCPOA के अन्य प्रतिभागियों से भी ऐसा करने का आग्रह किया है।

वहीं, इस्राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ट्रंप द्वारा ईरान परमाणु समझौते से समर्थन वापस लिए जाने पर उनकी तारीफ की है और उन्हें बधाई दी है। नेतन्याहू ने इसे ट्रंप का एक साहसिक फैसला बताया। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने इस खराब समझौते को ठीक करने और ईरान की आक्रमकता को खत्म करने का अवसर तैयार किया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने सभी संबंधित देशों को ऐसा ही करने के लिए प्रेरित किया है। नेतन्याहू साल 2015 के ईरान परमाणु समझौते के कड़े आलोचक रहे हैं। इस समझौते के तहत ईरान से परमाणु कार्यक्रम में कुछ अनुपालन के बदले प्रतिबंध हटा लिए गए थे। ईरान इस्राइल का धुर विरोधी है और खुले तौर पर इसके विनाश की बात करता रहा है।

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