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पाकिस्तान: WhatsApp पर ईशनिंदा के आरोप में ईसाई व्यक्ति को सजा-ए-मौत

पाकिस्तान में अपने दोस्त को इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp पर ईशनिंदा करने के आरोप में एक अदालत ने एक ईसाई को मौत की सजा सुनाई है।

Representational Image- India TV Hindi Representational Image | AP Photo

लाहौर: पाकिस्तान में अपने दोस्त को इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp पर ईशनिंदा करने के आरोप में एक अदालत ने एक ईसाई को मौत की सजा सुनाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईसाई व्यक्ति को यह सजा इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के लिए अपमानजनक संदेश भेजने के लिए सुनाई गई। नदीम जेम्स मसीह नाम के इस शख्स को जुलाई 2016 में आरोपित किया गया था। उससे पहले उसके दोस्त ने पुलिस में शिकायत की थी मसीह ने व्हाट्सऐप पर एक कविता भेजी थी जो इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद का अपमान कर रह रही थी।

इस घटना के बाद मसीह पंजाब प्रांत के सारा ए आलमगीर कस्बे में गुस्साई हुई भीड़ से बचने के लिए अपने घर से भाग गया था, लेकिन बाद में उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उसकी सुनवाई सुरक्षा कारणों से जेल में एक साल से अधिक समय तक चली। यह जेल लाहौर से करीब 200 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के गुजरात में स्थित है। अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि मसीह पर 3,00,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। मसीह और उसके परिवार को स्थानीय मुस्लिमों और उनके धर्मगुरुओं की तरफ से लगातार धमकी दी जा रही थी।

मासिह के वकील अंजुम वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल बेगुनाह है। उन्होंने कहा, ‘मेरा मुवक्किल लाहौर हाई कोर्ट में अपील करेगा क्योंकि एक मुस्लिम लड़की से प्रेम-प्रसंग के चलते उसे फंसाया गया है।’ अंजुम वकील के अनुसार सुरक्षा कारणों से जेल के अंदर सुनवाई हुई। पाकिस्तान में ईशनिंदा को एक गंभीर अपराध माना जाता है और इसके साबित होने पर सजा-ए-मौत का प्रावधान है। कई बार आपसी दुश्मनी निकालने के लिए भी अल्पसंख्यकों पर ईशनिंदा के झूठे आरोप लगाकर उन्हें फंसाने के आरोप भी लगते रहे हैं।

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