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सीरिया पर अमेरिकी हमले के बाद सऊदी अरब ने दिया यह बड़ा बयान!

सीरिया की असद सरकार द्वारा अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का आरोप लगाकर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की सेनाओं ने सीरिया पर करारा हमला बोल दिया था...

Representational Image | AP Photo- India TV Hindi Representational Image | AP Photo

रियाद: सऊदी अरब ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से सीरिया में सैन्य कार्रवाई को अपना पूरा समर्थन दिया है। सीरिया की असद सरकार द्वारा अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का आरोप लगाकर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की सेनाओं ने सीरिया पर करारा हमला बोल दिया था।  सऊदी प्रेस एजेंसी ने आधिकारिक स्रोत के हवाले से कहा कि सीरिया सरकार द्वारा महिलाओं और बच्चों समेत बेगुनाह नागरिकों पर रसायनिक हथियार किए जाने की प्रतिक्रिया में उसपर सैन्य कार्रवाई की गई।

एजेंसी ने कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित ऐसे हथियार का इस्तेमाल सीरिया की सरकार द्वारा वहां के लोगों पर वर्षो से किया जा रहा है।’ एजेंसी ने आगे कहा कि सऊदी के विदेश मंत्रालय ने सीरिया में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की सैन्य कार्रवाई को 'किंगडम का पूरा समर्थन' जाहिर किया है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा सीरियाई शासन के खिलाफ ‘बेहतर ढंग से’ किए गए हमलों की प्रशंसा की और घोषणा की, ‘मिशन पूरा हो गया है।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि संयुक्त अभियान का मकसद रसायनिक हथियारों के उत्पादन, इसे फैलाने और इसके प्रयोग के खिलाफ ‘कड़ा निवारक’ पैदा करना था।

वहीं, इस हमले के बाद फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां यवेस लि दरियान ने शनिवार को दावा किया कि ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका द्वारा सीरिया पर किए गए इन मिसाइल हमलों में सीरिया के रसायनिक हथियारों के भंडार के ‘बड़े हिस्से’ को ध्वस्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब सीरिया ने सबक सीख लिया है। जबकि ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने कहा कि सीरिया में ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका द्वारा हवाई हमला रसायनिक हथियारों के खिलाफ ‘स्पष्ट संदेश’ है। उन्होंने इस हमले की कार्रवाई को सफल बताया। आपको बता दें कि रूस, ईरान और चीन ने अमेरिका और सहयोगी देशों के इस हमले का विरोध किया है।

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