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काबुल में बनी 'आतंकी सरकार', जानिए तालिबान की टेरर कैबिनेट में कितने मोस्ट वॉन्टेड?

आतंकी मुल्ला हसन अखुंद की लीडरशिप में बनाया गया ये कैबिनेट 33 आतंकियों का है, जिसमें 30 मंत्री पश्तून समुदाय के हैं। हक्कानी नेटवर्क से 4 आतंकियों को मंत्री बनाया गया है जबकि हजारा समुदाय को मौका नहीं मिला है।

नई दिल्ली. अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार का ऐलान हो गया है। इस अंतरिम सरकार में दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकी को जगह मिली है तो ऐसे आतंकियों को भी मंत्री बनाया गया है, जो आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने की वजह से सजा काट चुके हैं। इंटरनेशनल आतंकी मुल्ला हसन अखुंद को पीएम बनाया गया है। इसके अलावा अफगानिस्तान की 'आंतकी' सरकार में दो-दो डिप्टी पीएम भी होंगे।
 
खास बात ये है कि जिस मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को प्राइम मिनिस्टर बनाने की अटकलें चल रहीं थीं, उसे प्राइम मिनिस्टर नहीं बल्कि डिप्टी प्राइम मिनिस्टर बनाया गया है। इसके अलावा मौलवी हन्नाफी को भी डिप्टी प्राइम मिनिस्टर बनाया गया। तालिबान की इस सरकार में पाकिस्तान के पाले-पोसे आतंकी नेटवर्क हक्कानी नेटवर्क के कई आतंकियों को भी अहम जिम्मेदारी दी गई है।
 
आतंकी मुल्ला हसन अखुंद की लीडरशिप में बनाया गया ये कैबिनेट 33 आतंकियों का है, जिसमें 30 मंत्री पश्तून समुदाय के हैं। हक्कानी नेटवर्क से 4 आतंकियों को मंत्री बनाया गया है जबकि हजारा समुदाय को मौका नहीं मिला है। अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने दावा किया था कि वो महिलाओं को अधिकार देगा लेकिन इस सरकार में एक भी महिला मंत्री नहीं है।
 
बंदूक के दम पर बनाई गई सरकार को इसलिए 'आंतकी सरकार' कह रही है दुनिया
दुनिया तालिबान की सरकार को 'आतंकी सरकार' यूं ही नहीं कह रही है। मुल्ला हसन अखुंद जो प्रधानमंत्री बना है वो यूएन की टेरर लिस्ट में है यानी इंटरनेशनल आतंकी है। ये तालिबान के संस्थापकों में एक है और हैबतउल्ला अख़ुंदज़ादा का क़रीबी है। अगला नाम है मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर का जो उप-प्रधानमंत्री है, ये तालिबान के 4 संस्थापकों में से एक है और मुल्ला उमर का रिश्तेदार है। बरादर कई साल पाकिस्तान जेल में रहा है।
 
इंटरनेशनल आतंकी सिराजुद्दीन हक़्क़ानी को गृह मंत्री बनाया गया है। सिराज आतंकी समूह हक़्क़ानी नेटवर्क का चीफ़ है और अमेरिका के मोस्ट वांटेड आतंकियों में शामिल है। अमेरिका ने इसपर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा है। हक्कानी 2008 में काबुल में भारतीय दूतावास पर हमले में शामिल था। अगला नाम है मुल्ला याक़ूब का जो रक्षा मंत्री है। तालिबान संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा याकूब तालिबान के मिलिट्री कमीशन का चीफ़ है। आतंकी सरकार का अगला नाम है ख़ैरुल्लाह ख़ैरख़्वाह जो सूचना मंत्री है... ये अंतर्राष्ट्रीय घोषित आतंकी है और कई साल अमेरिका की गुआंतानामो बे जेल में रहा है।

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