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पाकिस्तान को अमेरिका की सलाह, दक्षिण एशिया में शांति स्थापित करने की दिशा में काम करे

अमेरिका ने कहा कि अगर अफगानिस्तान में युद्ध समाप्त करना है, तो पड़ोसी देश पाकिस्तान को तालिबान के साथ शांति वार्ता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी

US ask Pakistan to work in establishing peace in South Asia- India TV Hindi US ask Pakistan to work in establishing peace in South Asia

वाशिंगटन अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देते कहा कि यह समय संयुक्त राष्ट्र, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित दक्षिण एशिया में शांति स्थापित करने की कोशिश कर रहे हर एक के प्रयासों का समर्थन करने का है। उन्होंने कहा कि अगर अफगानिस्तान में युद्ध समाप्त करना है, तो पड़ोसी देश पाकिस्तान को तालिबान के साथ शांति वार्ता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने की प्रक्रिया में मदद के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को लिखे पत्र के सवाल पर मैटिस ने यह जवाब दिया। पत्र में, ट्रम्प ने स्पष्ट किया था कि इस मुद्दे पर पाकिस्तान का पूर्ण समर्थन स्थायी अमेरिकी-पाकिस्तान साझेदारी के निर्माण का "आधार’’ होगा। पेंटागन में सोमवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का स्वागत करते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम उपमहाद्वीप में शांति और अफगानिस्तान जहां 40 वर्ष से युद्ध जारी है, में युद्ध समाप्त करने का समर्थन करने के लिए हर जिम्मेदार राष्ट्र से अपेक्षा करते हैं।’’ 

मैटिस ने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और शांति स्थापित करने तथा दुनिया को बेहतर बनाने की कोशिश करने वाले हर एक का सभी लोग समर्थन करें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उसी राह पर हैं। राजनयिक रूप से इसका नेतृत्व किया जा रहा है, जैसा कि होना चाहिए और हम अफगान के लोगों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।’’ 

पिछले वर्ष अगस्त में अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया नीति की घोषणा किये जाने के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गये थे। ट्रंप ने ‘‘अराजकता फैलाने वाले एजेंटों’’ को सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा था और चेतावनी दी थी कि आतंकवादियों को शरण देने से काफी कुछ खो ज्यादा है। ट्रंप प्रशासन ने हक्कानी नेटवर्क और तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अपनी सरजमीं से पर्याप्त कार्रवाई नहीं करने के लिए पाकिस्तान को दी जा रही 30 करोड़ अमेरिकी डालर की सैन्य सहायता बंद कर दी थी। 

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