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उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के जवाब में अमेरिका ने उड़ाया बमवर्षक विमान, किम जोंग ने दी ये धमकी

उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास की तैयारी से पहले अंतरद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण करके दोनों देशों को अपनी धाक दिखाने की कोशिश की तो इधर यूएस ने अपने बमवर्षक विमानों को उड़ाकर किम जोंग को कड़ा जवाब दिया। मगर अब इससे किम जोंग फिर सनक उठे हैं।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : PTI प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली। उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास की तैयारी से पहले अंतरद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण करके दोनों देशों को अपनी धाक दिखाने की कोशिश की तो इधर यूएस ने अपने बमवर्षक विमानों को उड़ाकर किम जोंग को कड़ा जवाब दिया। मगर अब इससे किम जोंग फिर सनक उठे हैं। उन्होंने अमेरिका को इसके लिए कड़ी चेतावनी भी दी है। उत्तर कोरिया ने रविवार को कहा कि अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के उसके नवीनतम परीक्षण का उद्देश्य विरोधियों के खिलाफ “घातक” परमाणु हमले की उसकी क्षमता में और इजाफा करना है। जाहिर है कि किम जोंग ऐसा कहकर अमेरिका और दक्षिण कोरिया को बड़ा संदेश देना चाहते हैं कि वह किसी भी परिस्थिति में दबने वाले नहीं हैं।

उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच प्रस्तावित सैन्य अभ्यास के जवाब में अतिरिक्त कदम उठाने की धमकी भी दी है। अमेरिका ने उत्तर कोरियाई धमकी का जवाब लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम सुपरसोनिक बमवर्षकों की उड़ान के साथ दिया। बाद में रविवार को उसने दक्षिण कोरियाई और जापानी लड़ाकू विमानों के साथ युद्धाभ्यास किया। शनिवार को हुआ अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण एक जनवरी के बाद से उत्तर कोरिया का पहला मिसाइल परीक्षण है। इससे संकेत मिलता है कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन अपने विरोधियों के सैन्य अभ्यास का इस्तेमाल अपने देश की परमाणु क्षमता का विस्तार करने के अवसर के रूप में कर रहे हैं, ताकि अमेरिका के साथ भविष्य में होने वाले समझौतों में इसका लाभ उठाया जा सके। विशेषज्ञों ने बताया कि उत्तर कोरिया आईसीबीएम का नियमित परिचालन परीक्षण कर सकता है। उत्तर कोरिया की सरकारी ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने कहा कि किम जोंग उन के सीधे आदेश पर बिना किसी पूर्व सूचना के मौजूदा ‘ह्वासोंग-1’ अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का “अचानक” परीक्षण किया गया।

उत्तर कोरिया के इस घातक परमाणु अस्त्र का मुकाबला कर पाना मुश्किल
उत्तर कोरिया की केसीएनए ने कहा कि ‘ह्वासोंग -15’ परीक्षण ने उत्तर के “शक्तिशाली भौतिक परमाणु निवारक” और “शत्रु शक्तियों पर घातक परमाणु पलटवार की अपनी क्षमता” के प्रयासों को अत्यंत मजबूत बना दिया है, जिसका मुकाबला नहीं किया जा सकता। समाचार एजेंसी ने बताया कि मिसाइल ने अधिकतम 5,770 किलोमीटर की ऊंचाई पर जाने के बाद करीब 900 किलोमीटर की दूरी 67 मिनट में तय करने के साथ कोरियाई प्रायद्वीप और जापान की जलसीमा के बीच समुद्र में पहले से तय लक्ष्य को सटीकता से भेदा। बाद में रविवार को अमेरिकी बी-1बी बमवर्षकों और अन्य विमान दक्षिण कोरिया और जापान के विमानों के साथ परीक्षण के अलावा अलग से भी कोरियाई प्रायद्वीप के ऊपर और आसपास उड़े। दक्षिण कोरिया की सेना ने यहां जारी बयान में कहा कि रविवार का अभ्यास वाशिंगटन की सियोल की सुरक्षा के प्रति ‘फौलादी’ प्रतिबद्धता को दोहराता है।

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की प्रभावशाली बहन किम यो जोंग ने रविवार को जारी बयान में आरोप लगाया कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका ‘‘खुले तौर पर कोरिया प्रायद्वीप में अपने सैन्य बढ़त और वर्चस्व को स्थापित करने की खतरनाक लालच को प्रदर्शित कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं चेतावनी देती हूं कि हम दुश्मन के सभी गतिविधियों को देखेंगे और हमारे खिलाफ उठाए जाने वाले प्रत्येक शत्रुतापूर्ण कदम का पुरजोर और माकूल जवाब देंगे।’’ उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के नियमित सैन्य अभ्यास की निंदा करता रहा है और इसे हमले की तैयारी करार देता रहा है। हालांकि, सियोल और वाशिंगटन सैन्य अभ्यास की प्रकृति रक्षात्मक बताते रहे हैं।

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