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चीन में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामले, इलाज के लिए तड़प रहे हैं मरीज

कड़े कोविड प्रतिबंधों में ढील के बाद अब देश के कई इलाकों में मामले इतनी तेजी से बढ़े हैं कि मरीजों को ढंग से इलाज तक नहीं मिल पा रहा है, और उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।

China Coronavirus, Coronavirus Death Toll, Coronavirus Death, Coronavirus Death China- India TV Hindi Image Source : AP FILE कोरोना वायरस ने चीन में हाहाकार मचा रखा है।

बीजिंग: पूरी दुनिया को कोरोना वायरस का कभी न भूलने वाला दर्द देने वाला चीन आज खुद अपनी पैदा की हुई इस बीमारी के कहर से जूझ रहा है। पूरे देश में कड़े कोविड प्रतिबंध लगाने के बाद देश में प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जिसके चलते सरकार को नियमों में ढील देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। नियमों में ढील के बाद अब देश के कई इलाकों में मामले इतनी तेजी से बढ़े हैं कि मरीजों को ढंग से इलाज तक नहीं मिल पा रहा है। 

क्लीनिक में कोरोना के मरीजों की भीड़
कड़े कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ लोगों के प्रदर्शन के लिए एक चीनी राजनयिक ने ‘विदेशी ताकतों’ को दोषी ठहराया है। चीन के सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि बीजिंग और कुछ अन्य शहरों में क्लीनिक में मरीजों की भीड़ है और फुटपाथ तक मरीजों की लाइनें लगी हुई हैं। लोग कड़ाके की ठंड में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि कई लोग अपनी कारों में और क्लीनिक के बाहर पार्किंग में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।


तेजी से बढ़ रही है संक्रमितों की संख्या
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेज बुखार वाले लोग क्लीनिक के बाहर इंतजार करते देखे जा रहे हैं। अधिकांश अपार्टमेंट ब्लॉक में ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस वायरस की चपेट में आने से बचना लोगों के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। यहां तक कि चीनी विदेश मंत्रालय के अधिकारी, बीजिंग स्थित राजनयिक हों और पत्रकार तक वायरस की चपेट में आ चुके हैं और मामला बद से बदतर होता जा रहा है।

‘विदेशी ताकतों ने उठाया फायदा’
इस बीच चीन के एक वरिष्ठ राजनयिक ने आरोप लगाया है कि पिछले महीने कोविड-19 को रोकने के लिए लगाई गई सख्त पाबंदियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन स्थानीय सरकार की महामारी का प्रबंधन करने में विफलता के कारण थे, लेकिन जल्द ही इसका फायदा विदेशी ताकतों ने जमकर उठाया। हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग’ पोस्ट में गुरुवार को छपी एक खबर के मुताबिक, बीजिंग, शंघाई, ग्वांगडोंग और अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शनों के बाद फ्रांस में चीन के राजदूत लू शाए की टिप्पणी किसी चीनी अधिकारी द्वारा की गई पहली टिप्पणी है।

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