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Hindi News विदेश एशिया पूर्व पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ की गाड़ी पर हमला, गुस्साई भीड़ ने तोड़ दिए कार के कांच, देखें Video

पूर्व पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ की गाड़ी पर हमला, गुस्साई भीड़ ने तोड़ दिए कार के कांच, देखें Video

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की गाड़ी पर गुस्साई भीड़ द्वारा हमला करने का मामला सामने आया है। वे चुनाव के सिलसिले में लाहौर विजिट पर थे। तभी उनकी कार पर गुस्साई भीड़ ने हमला किया, शीशे फोड़े और अपशब्द कहे।

पूर्व पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ- India TV Hindi Image Source : PTI पूर्व पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ

Pakistan News: पाकिस्तान की हालत कंगाल है। राजनीतिक उथल पुथल जारी है। चुनाव की घोषणा के बीच पूर्व पाक पीएम नवाज शरीफ इसी महीने 21 अक्टूबर को अपने वतन लौटने वाले हैं। लेकिन नवाज शरीफ और उनके छोटे भाई और पूर्व पाक पीएम शहबाज शरीफ के खिलाफ पाकिस्तान की आवाम में गुस्सा है। जिस तरह पाकिस्तान कंगाली की हालत में पहुंचा है, राजनीतिक अस्थिरता देश को पीछे ले जा रही है, उसके लिए कहीं न कहीं पाकिस्तान की आवाम इन पूर्व हुक्मरानों को ही जिम्मेदार मानती है। इसी बीच पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की कार पर गुस्साई भीड़ ने हमला कर दिया। भीड़ ने गाड़ी के शीशे फोड़ डाले और उन्हें अपशब्द भी कहे।

​लाहौर में हुई शहबाज की गाड़ी पर हमले की घटना

जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ की गाड़ी पर गुस्साए लोगों के एक समूह ने हमला कर दिया। यह घटना पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में हुई, जिसे कभी उनकी पार्टी का गढ़ माना जाता था। ‘एक्सप्रेस न्यूज’ ने गुरुवार को यह जानकारी दी और बताया कि यह घटना बुधवार देर रात की है, जब  लाहौर में लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज की गाड़ी पर हमला कर दिया और खिड़की के शीशे तोड़ दिए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनके साथ दुर्व्यवहार की भी खबर है।

कार पर हमले के बाद शहबाज शरीफ ने कही ये बात

इसमें कहा गया कि शहबाज शरीफ आगामी चुनावों के सिलसिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से जुड़ने के मकसद से शहर का दौरा कर रहे थे। तभी भीड़ ने उनकी गाड़ी रोक ली और हमला कर दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हालांकि गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बताया कि उन्होंने गाड़ी रोकने वाले लोगों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनकी बातों को ध्यान से सुना। वे सभी अपनी परेशानियां बता रहे थे।

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