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Hindi News विदेश एशिया बाज नहीं आ रहे किम जोंग उन, उत्तर कोरिया ने फिर किया समुद्र में इन दो बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण

बाज नहीं आ रहे किम जोंग उन, उत्तर कोरिया ने फिर किया समुद्र में इन दो बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण

उत्तर कोरिया पर अमेरिका की चेतावनियों और धमकियों का कोई असर पड़ने वाला नहीं है। मंगलवार की देर रात समुद्र में फिर दो बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया है। किम जोंग उन लगातार ऐसे परीक्षण करते रहे हैं।

उत्तर कोरिया का मिसाइल परीक्षण।- India TV Hindi Image Source : AP उत्तर कोरिया का मिसाइल परीक्षण।

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन लगातार मिसाइलों पर मिसाइलों का परीक्षण करते जा रहे हैं। गत एक हफ्ते में के दौरान ही करीब 4 मिसाइलों का परीक्षण कर चुके हैं। इससे उत्तर कोरिया के खतरनाक इरादे का आकलन आसानी से लगाया जा सकता है। उत्तर कोरिया ने मंगलवार देर रात फिर अपने पूर्वी समुद्र में छोटी दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इससे पहले अमेरिका ने दशकों में पहली बार दक्षिण कोरिया में परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बी तैनात की थी। बावजूद किम जोंग उन ने किसी तरह का दबाव महसूस नहीं किया। वह लगातार परीक्षण पर परीक्षण करते जा रहे हैं।

दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’ ने कहा कि देर रात साढ़े तीन से पौने चार बजे तक उत्तर कोरिया ने राजधानी प्योंगयांग के पास एक इलाके से कम दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जो कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्व में समुद्र में गिरने से पहले लगभग 550 किलोमीटर तक उड़ीं। मिसाइल प्रक्षेपण के विवरण जापानी सेना के आकलन के अनुरूप ही थे। जापानी सेना ने कहा था कि मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र के बाहर गिरीं और प्रभावित क्षेत्रों में पतों या विमानों से क्षति की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं है।

जहां पहुंची थी अमेरिका की पहली पनडुब्बी वहां तक पहुंची किम जोंग की मिसाइलें

किम जोंग उन का यह मिसाइल परीक्षण यूं ही नहीं है। अमेरिका ने पहली बार जिन स्थानों पर उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने के लिए अपनी परमाणु पनडुब्बी भेजी थी, अब यह मिसाइल इस दायरे को आसानी से भेद सकती है। बता दें कि उत्तर कोरियाई मिसाइलों ने करीब 550 किलोमीटर तक उड़ान भरी जो प्योंगयांग और दक्षिण कोरियाई बंदरगाह शहर बुसान के बीच की दूरी से मेल खाती है, जहां 1980 के दशक के बाद अमेरिकी परमाणु-सशस्त्र पनडुब्बी ‘यूएसएस केंटुकी’ मंगलवार दोपहर दक्षिण कोरिया की पहली यात्रा पर पहुंची थी। जापान के रक्षा मंत्री यासुकाजु हमादा ने संवाददाताओं से कहा कि उत्तर कोरियाई मिसाइलों का निम्न प्रक्षेपपथ था और उनकी अधिकतम ऊंचाई लगभग 50 किलोमीटर तक रही। (भाषा)

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