A
Hindi News विदेश एशिया महरंग बलोच ने पाकिस्तान के खिलाफ खोला मोर्चा, 2 वकीलों की गिरफ्तारी पर जेल से भरी हुंकार

महरंग बलोच ने पाकिस्तान के खिलाफ खोला मोर्चा, 2 वकीलों की गिरफ्तारी पर जेल से भरी हुंकार

महरंग बलोच ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए दो मानवाधिकार वकीलों, इमान जैनब मजारी-हजीर और हादी अली चट्ठा, की गिरफ्तारी की आलोचना की। बलोच ने आरोप लगाया कि इन वकीलों पर लगाए गए आरोप पाकिस्तान की दमनकारी नीतियों का हिस्सा हैं।

Mahrang Baloch, Pakistan human rights lawyers, Imane Jainab Mazari, Hadi Ali Chatha- India TV Hindi Image Source : ANI बलोच यकजेहती कमेटी की गिरफ्तार नेता महरंग बलोच।

इस्लामाबाद: बलोच यकजेहती कमेटी यानी कि BYC की गिरफ्तार नेता महरंग बलोच ने मानवाधिकार वकीलों इमान जैनब मजारी-हजीर और हादी अली चट्ठा का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इन वकीलों पर लगाए गए आरोप पाकिस्तान की सरकार की 'दमनकारी रणनीतियों' और 'औपनिवेशिक काल के कानूनों का इस्तेमाल करके असहमति को दबाने' का सबूत हैं। यह जानकारी द बलोचिस्तान पोस्ट के हवाले से सामने आई है। X पर साझा किए गए एक संदेश में बलोच ने कहा कि ये दोनों वकील 'सालों से मानवाधिकारों की पैरवी में सबसे आगे रहे हैं। वे हाशिए पर पड़े समूहों की आवाज उठाते हैं और अन्याय तथा सत्ता के दुरुपयोग को चुनौती देते हैं।'

'मजारी और चट्ठा पर लगे आरोप मनगढ़ंत'

बलोच ने जोर देकर कहा कि उनकी बहादुरी को 'चुप्पी से नहीं मिलना चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जो एक बुनियादी मानवाधिकार है, से इनकार किया जा रहा है।' उन्होंने दावा किया कि राज्य एजेंसियों द्वारा दुरुपयोग के आरोपों की जांच करने की बजाय अधिकारी 'चुनिंदा तरीके से औपनिवेशिक काल के कानूनों का इस्तेमाल करके कार्यकर्ताओं को चुप करा रहे हैं।' टीबीपी की रिपोर्ट के अनुसार, बलोच ने मजारी और चट्ठा पर लगाए गए आरोपों को 'मनगढ़ंत' बताया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की न्यायिक प्रणाली कितनी आसानी से बुनियादी अधिकारों के लिए लड़ने वालों के खिलाफ इस्तेमाल की जा सकती है।

बलोच ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से की अपील

बलोच ने कहा कि दोनों वकीलों ने लगातार लोगों को जबरन गायब करने, न्यायेतर हत्याओं और राजनीतिक दमन पर ध्यान खींचा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे सभी आरोपों को तुरंत खारिज करने की मांग करें और निष्पक्ष सुनवाई तथा उचित प्रक्रिया के लिए दबाव डालें। उन्होंने कहा, 'कानून का दमन के हथियार के रूप में इस्तेमाल बंद होना चाहिए। न्याय मिलना चाहिए।' इस बीच, वैश्विक मानवाधिकार संगठन फ्रंट लाइन डिफेंडर्स (FLD) ने भी मजारी और चट्ठा के खिलाफ 'न्यायिक उत्पीड़न' की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया है। 

'बदले की मुहिम का सामना कर रहे वकील'

टीबीपी की रिपोर्ट के अनुसार, संगठन ने कहा कि दोनों वकीलों को पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों की आलोचना के लिए 'लगातार कानूनी बदले की मुहिम' का सामना करना पड़ रहा है। वे अब प्रिवेंशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक क्राइम्स एक्ट (PECA) के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं। FLD ने बताया कि मामले में 'गंभीर प्रक्रियागत अनियमितताएं' हैं, जैसे उनकी पसंद के वकील से इनकार, अदालत द्वारा नियुक्त वकीलों पर दबाव, तेज सुनवाई और चट्ठा की गिरफ्तारी, जबकि वे अदालत के समन का पालन कर रहे थे। संगठन ने कहा कि कार्यवाही 'मुकदमे की प्रक्रिया की वैधता पर गंभीर सवाल उठाती है' और इसमें लंबी जेल की सजा की संभावना है। (ANI)

Latest World News