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नेपाल के प्रधानमंत्री का 13 मार्च तक क्या है 'प्रचंड' का लक्ष्य, जानें काठमांडू में क्यों मची है हलचल

'प्रचंड' ने वरिष्ठ मधेसी नेता और जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र यादव को जनसंख्या और स्वास्थ्य मंत्री जबकि जेएसपी के ही कोशोर शाह को वन मंत्री के रूप में अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री 'प्रचंड' के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है।

पुष्प कमल दहल प्रचंड, नेपाल के पीएम। - India TV Hindi Image Source : AP पुष्प कमल दहल प्रचंड, नेपाल के पीएम।

काठमांडूः  नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के सामने अब नई चुनौती खड़ी हो गई है। बता दें कि नेपाल में वह गठबंधन सरकार चला रहे हैं। मगर  पूर्व गुरिल्ला नेता 'प्रचंड' ने नेपाली कांग्रेस का साथ छोड़कर बीते सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली के नेतृत्व वाले दूसरी सबसे बड़े दल नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के साथ सीपीएन-यूएमएल नामक एक नया गठबंधन बनाया था। अब उनके सामने विश्वास मत हासिल करने की चुनौती है। प्रचंड 13 मार्च तक संसद में विश्वास मत हासिल करने की योजना बना रहे हैं। ‘प्रचंड’ ने कुछ दिन पहले ही सीपीएन-यूएमएल नामक एक नया गठबंधन बनाया था।

प्रचंड की ओर से विश्वास मत हासिल करने का यह तीसरा प्रयास होगा। नेपाल के संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक किसी भी सहयोगी दल के समर्थन वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री को विश्वास मत हासिल करना होता है। प्रधानमंत्री 'प्रचंड' ने शनिवार को पार्टी में अपने करीबी लोगों के साथ इस मामले पर अनौपचारिक चर्चा की। पार्टी के सचिव गणेश शाह के मुताबिक सीपीएन-माओवादी केंद्र की संसदीय दल की बैठक ने अपने सभी सांसदों को 13 मार्च को मतदान के दौरान निचले सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी करने का निर्णय लिया। शाह ने कहा कि इस आशय का औपचारिक निर्णय रविवार को पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक में लिया जाएगा।

13 मार्च को बुलाया गया निचले सदन का सत्र

संसद के निचले सदन - प्रतिनिधि सभा - को 13 मार्च को सत्र के लिए बुलाया गया है। नेपाल की स्थानीय मीडिया के मुताबिक नए गठबंधन के पास 275 सदस्यीय संसद में पर्याप्त संख्याबल है। सत्ता समीकरण में बदलाव और संसद के निचले सदन में सबसे बड़े दल नेपाली कांग्रेस द्वारा सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद 'प्रचंड' को बहुमत साबित करने के लिए 30 दिनों के भीतर विश्वास मत हासिल करना अनिवार्य हो गया है। डेढ़ साल पहले प्रचंड के प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह तीसरा विश्वास मत होगा। दैनिक समाचारपत्र 'द काठमांडू पोस्ट' के अनुसार संसद के ऊपरी सदन के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 12 मार्च को निर्धारित किया गया है। इस बीच, प्रधानमंत्री 'प्रचंड' ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल में दो नए सदस्यों को शामिल करके दूसरी बार इसका विस्तार किया। (भाषा)

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